लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा को जमानत दे दी गई है. आशीष को इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने जमानत दे दी है. वहीं, इस मामले में सियासत तेज हो गई है. और विपक्ष नेता सरकार पर कड़ा निशाना साध रहे हैं. ओपी राजभर ने कहा, जहां कहीं भी भाजपा का निजी हित है, उस व्यक्ति को जमानत मिल जाती है और जब उनका हित पूरा नहीं होता है तो कोई जमानत नहीं होती है. वहीं, कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पूछा है कि, क्या अब कोई नैतिकता है या नहीं?

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प्रियंका ने कहा, पीएम का देशवासियों और किसानों के प्रति नैतिक जिम्मेदारी है. केंद्रीय मंत्री के बेटे ने किसानों के साथ ऐसा किया. पहले तो उन्हें गिरफ्तार करने के लिए तैयार नहीं थे. संघर्ष के बाद गिरफ्तारी हुई. लेकिन आप फिर भी मंत्री के साथ खड़े हैं. हर कार्यक्रम में मंत्री जी आपके साथ होते हैं. वे कैबिनेट में भी हैं. क्या आपको नहीं लगता की ये गलत है. आप देश को गुमराह नहीं कर सकते क्योंकि सभी ने देखा है इस मामले को.

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उन्होंने आगे कहा, माना सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जांच हो रही है लेकिन पीएम की भी नैतिक जिम्मेदारी होती है. अगर ट्रेन हादसा होता है तो रेल मंत्री नैतिक जिम्मेदारी से इस्तीफा देते थे, क्यों? वो ट्रेन थोड़ी चला रहे थे? लेकिन सरकार की जवाबदेही होनी चाहिए.

वहीं, ओपी राजभर ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे को तो जमानत मिल गई. लेकिन गाजीपुर बॉर्डर और लखीमपुर में मरने वाले किसानों को न्याय नहीं मिला है. जहां कहीं भी भाजपा का निजी हित है, उस व्यक्ति को जमानत मिल जाती है और जब उनका हित पूरा नहीं होता है तो कोई जमानत नहीं होती है.

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आशीष मिश्रा को सिर्फ इसलिए जमानत दी गई क्योंकि वह एक मंत्री के बेटे हैं. भाजपा जानती है कि वह चुनाव हार रही है. वे समुदाय को यह संदेश देने के लिए कि यह जमानत उनके प्रयासों का परिणाम है, जमानत हासिल करके ब्राह्मण वोट हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं.

गौरतलब है कि 3 अक्टूबर 2021 को लखीमपुर के तिकुनिया में हुई हिंसा में 8 लोगों की मौत हो गई थी. इस मामले में एसआईटी की चार्जशीट भी दाखिल हो गई है. जिसमें आशीष मिश्रा को मुख्य आरोपी बताया गया था. एसआईटी के मुताबिक, आशीष घटनास्थल पर ही मौजूद था.

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