World Human Rights Day 2022: हर साल विश्वभर में 10 दिसंबर को अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस मनाया जाता है. 10 दिसंबर 1948 में पहली बार यूनाइटेड नेशन (United Nation) ने मानवाधिकारों को अपनाने की घोषणा की. लेकिन 10 दिसंबर 1950 में आधिकारिक तौर पर इस दिन की घोषणा की गई थी. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि संयुक्त राष्ट्र ने वर्ष 1950 में सभी देशों को आमंत्रित किया. इसके बाद असेंबली ने 423 (V) रेज्योल्यूशन पास कर सभी देशों और संबंधित संगठनों को इस दिन को मनाने की सूचना जारी की थी. मानवाधिकार दिवस के अवसर पर उच्च-स्तरीय राजनीतिक सम्मेलनों और बैठकों और सांस्कृतिक प्रोग्राम और मानवाधिकारों के मामलों से संबधित कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं.

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क्या है मानवाधिकार?

-मानवाधिकारों का आशय ऐसे अधिकारों से है जो लिंग, जाति, राष्ट्रीयता, भाषा, धर्म या किसी अन्य आधार पर भेदभाव किए बिना सभी को प्राप्त होते हैं.

-मानवाधिकारों में मुख्य प्रकार से जीवन और स्वतंत्रता का अधिकार, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार, काम एवं शिक्षा का अधिकार और गुलामी और यातना से मुक्ति का अधिकार आदि शामिल है.

-मानवाधिकारों के मामलों में नेल्सन मंडेला ने अपने विचार प्रकट किए थे ‘लोगों को उनके मानवाधिकारों से वंचित करना उनकी मानवता को चुनौती देना है.’

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इस बार की थीम

इस साल मानवाधिकार दिवस 2022 की थीम है- सभी लिए प्रतिष्ठा, स्वतंत्रता और न्याय. डब्ल्यूएचओ और घोषणापत्र का संविधान दोनों ही इस बात पर जोर देते हैं कि हेल्थ सभी लोगों के लिए एक मौलिक मानव अधिकार है.

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भारत में मानवाधिकार

भारत के संविधान में मानवाधिकार की गारंटी दी गई है. देश में शिक्षा का अधिकार इसी गारंटी के तहत है. भारत में 28 सितंबर, 1993 से मानवाधिकार कानून अमल में आया और भारत सरकार ने 12 अक्टूबर को राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग का गठन किया.