Women’s Equality Day 2022:अपने सम्मान, अपनी अस्मिता और अपने अधिकारों की लड़ाई महिलाएं सदियों से लड़ते आ रही हैं. पहले की तुलना में देखा जाए तो आज महिलाओं की स्थिति में बहुत सुधार हुआ है लेकिन आज भी कई ऐसे देश हैं, जहां महिलाओं को बराबरी का अधिकार नहीं मिला है. वे अपने अधिकारों के लिए लड़ाई लड़ रही हैं. हर साल 26 अगस्त को दुनियाभर में ‘महिला समानता दिवस’ (Women’s Equality Day 2022) मनाया जाता है.

हर साल इस डे को एक खास थीम दी जाती है. इस वर्ष ‘महिला समानता दिवस’ की थीम (Women’s Equality Day 2022 theme) ‘सेलिब्रेटिंग वूमेंस राइट टू वोट’ है.

यह भी पढ़े: Chhattisgarh Pola Festival 2022: कब है पोला? जानें कैसे मनाते हैं ये खास त्योहार

महिला समानता दिवस का महत्‍व

आज के समय में महिलाएं घर संभालने के साथ साथ कामकाजी भी हो गई हैं और ऑफिस का काम भी बखूबी संभाल रही हैं. लेकिन हमारे समाज में अब भी पुरुषवादी सोच हावी है और महिलाओं को अक्सर इसका सामना करना पड़ता है.

महिलाओं ने कई बड़ी जिम्मेदारियां निभाकर यह साबित कर दिया है कि वे अपने कार्यक्षेत्र में किसी से कम नहीं हैं और सही व बराबर का मौका मिले तो वे हर तरह की जिम्मेदारियों को बखूबी निभा सकती हैं. बराबरी के इस अधिकार की लड़ाई आज भी जारी है. इसीलिए महिला समानता दिवस मनाया जाता है.

यह भी पढ़े: Happy Bail Pola Wishes In Hindi: अपनों को भेजें बैल पोला पर्व के शुभ संदेश

महिला समानता दिवस का इतिहास

न्यूज 18 हिंदी के मुताबिक यह लड़ाई सबसे पहले अमेरिका में 1853 में शुरू हुई थी, जिसमें महिलाओं ने शादी के बाद संपत्ति पर अधिकार की मांग की थी. उस वक्त अमेरिका समेत कई पश्चिमी देशों में महिलाओं को बहुत कम अधिकार दिए जाते थे और उन्‍हें पुरुषों का गुलाम की तरह बर्ताव किया जाता था. इसके बाद साल 1890 में अमेरिका में ‘नेशनल अमेरिकन वुमेन सफरेज एसोसिएशन’ का गठन किया गया.

यह भी पढ़े: VIDEO: NASA ने जारी की ब्लैक होल की आवाज, सुनकर कांप जाएगी रूह

इस संगठन ने महिलाओं को वोट डालने का अधिकार देने की बात की. इसके बाद साल 1920 में महिलाओं को अमेरिका में वोटिंग का अधिकार प्राप्‍त हुआ. वर्ष 1971 में अमेरिकी संसद ने हर साल 26 अगस्त को ‘वूमेंस इक्वैलिटी डे’ के तौर पर मनाने की घोषणा की. इस तरह यह दिन अस्तित्‍व में आया. सबसे पहले इस दिन को अमेरिका में सेलिब्रेट किया गया. धीरे-धीरे पूरी दुनिया में ‘महिला समानता दिवस’ को मनाया जाने लगा.