अमेरिका के कैपिटल (संसद भवन) में हुए हिंसक दंगे और सुरक्षा चिंताओं के मद्देनजर जो बाइडन बुधवार को वाशिंगटन में कड़ी सुरक्षा के बीच अमेरिका के अगले राष्ट्रपति के तौर पर शपथ लेंगे. कानून प्रवर्तन अधिकारियों को न केवल संभावित बाहरी खतरे का मुकाबला करना पड़ रहा है बल्कि उनकी चिंता है कि सुरक्षा की जिम्मेदारी संभाल रहा कोई कर्मी भी ड्यूटी के दौरान हमला कर सकता है.

हालांकि, बाइडन को किसी विशेष खतरे का उल्लेख नहीं किया गया है. इसके बावजूद सुरक्षा की पुख्ता व्यवस्था की गई है.

राष्ट्रीय राजधानी में लॉकडाउन जैसी स्थिति है और 25 हजार से अधिक सैनिक और पुलिस कर्मियों को सुरक्षा में लगाया गया है.

सुरक्षा तैयारियों के तहत सड़कों पर टैंक और कंक्रीट के अवरोधक लगाए गए हैं. राष्ट्रीय स्मारक को बंद कर दिया गया है. अमेरिकी संसद परिसर की घेराबंदी की गई और प्रत्येक मार्ग पर जांच चौकी बनाई गई है. पूरे कार्यक्रम को लेकर सुरक्षा जिम्मेदारी का निर्वहन कर रहे सीक्रेट सर्विस के अधिकारियों ने कहा कि वे किसी भी परिस्थिति के लिए तैयार हैं.

कानून प्रवर्तन अधिकारी ने बताया कि अधिकारी घोर दक्षिणपंथी और मिलिशिया समूह के सदस्यों की निगरानी कर रहे हैं. उनकी चिंता ऐसे सभावित समूहों के सदस्यों द्वारा वाशिंगटन में आकर हिंसक संघर्ष भड़काने को लेकर है.

अधिकारी ने बताया कि शपथ ग्रहण समारोह से घंटों पहले संघीय एजेंट निर्वाचित नेताओं की धमकी और कार्यक्रम में घुसपैठ कर गड़बड़ी के इरादे संबंधी चर्चा सहित चिंताजनक ऑनलाइन चैटिंग करने वालों की निगरानी कर रहे हैं.

एफबीआई की जांच के बाद के नेशनल गार्ड के 12 कर्मियों को सुरक्षा ड्यूटी से हटा दिया गया है जिनमें से दो ने बुधवार को होने वाले कार्यक्रम को लेकर उग्र बयान दिया था. हालांकि, पेंटागन के अधिकारियों ने उनकी विस्तृत जानकारी नहीं दी.

दो अन्य अमेरिकी अधिकारियों ने एसोसिएटड प्रेस को बताया कि हटाए गए सभी 12 कर्मियों के दक्षिण पंथी मिलिशिया समूह से संबंध थे या उन्होंने कट्टरपंथी विचार सोशल मीडिया पर साझा किए थे.

नेशनल गार्ड ब्यूरो के प्रमुख जनरल डेनियल होकेंसन ने पुष्टि की है कि सदस्यों को कार्य से हटाकर घर भेजा गया है.