First Digital Citizen: भूटान के क्राउन प्रिंस जिग्मे नामग्याल वांगचुक देश के पहले डिजिटल (First Digital Citizen) नागरिक बन गए हैं. उनकी उम्र महज 7 साल है और उन्हें अपने देश का पहला डिजिटल नागरिक कहा जा रहा है. उनकी इस उपलब्धि पर परिवार और सरकार ने भी खुशी व्यक्त की है. जिग्मे नामग्येल भूटान के राजा जिग्मे खेसर नामग्येल वांगचुक और रानी जेट्सन पेमा के उत्तराधिकारी और सबसे बड़े बेटे हैं. न्यूज एजेंसी के मुताबिक जिग्ने नेशनल डिजिटल आइडेंटिटी (NDI) मोबाइल वॉलेट पाने वाले पहले नागरिक हैं.

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क्या है नेशनल डिजिटल आइडेंटिटी?

यह भूटान की नेशनल डिजिटल आइडेंटिटी सिस्टम है. इससे नागरिकों को एक सिंगल डिजिटल पोर्टल मिल जाएगा, जहां अलग-अलग जानकारियां स्टोर की जा सकेंगी. यह सिस्टम एक ‘सेल्फ सॉवरेन आइडेंटिटी’ के मॉडल पर काम करती है, जो नागरिकों को इस बात पर अधिक नियंत्रण देती है कि वे किसके साथ अपनी जानकारी साझा करते हैं.

NDI वॉलेट में नागरिकों का बायोमेट्रिक डेटा होगा. इसके अलावा हेल्थ रिकॉर्ड, टैक्स फाइलिंग, बैंक दस्तावेज, एजुकेशन रिकॉर्ड जैसी तमाम जानकारियां भी इसमें स्टोर की जाएंगी.

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क्या होगा इसका फायदा

जिन लोगों का डेटा इसमें शामिल होगा उन्हें सरकारी सुविधाएं लेने के लिए दफ्तरों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे. भूटान सरकार ने अक्टूबर 2021 में इसकी शुरुआत की थी, लेकिन कोविड की वजह से यह प्रोजेक्ट को रोकना पड़ा था. इसके तहत 8 साल और उससे ज्यादा उम्र के सभी नागरिकों का डाटा रखा जाएगा. बायोमेट्रिक डाटा में फेस रिकग्निशन, फिंगरप्रिंट और पाम प्रिंट लिए जा रहे हैं. सारा डाटा लेने के बाद एक यूनिक डिजिटल आइडेंटिटी दी जाती है. बायोमेट्रिक्स की मदद से लोग ऑनलाइन सरकारी सेवाओं का लाभ उठा सकते हैं.

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कौन हैं जिग्मे नामग्याल वांगचुक?

जिग्मे नामग्याल वांगचू का जन्म 5 फरवरी 2016 को हुआ था. जन्म के साथ ही उन्हें क्राउन प्रिंस की उपाधि मिली थी. उनके जन्मदिन पर भूटान में एक लाख आठ हजार पौधे लगाए गए थे और वह क्राउन प्रिंस बनने वाले अब तक के सबसे कम उम्र के व्यक्ति थे. 2017 में वे अपने परिवार के साथ भारत दौरे पर आए थे. इस दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी.