RBI to launch retail digital rupee: भारत (India) में डिजिटल लेनदेन (Digital Transactions) में काफी तेजी आई है. कोरोना महामारी के दौर में डिजिटल लेन देन काफी तेजी से बढ़ा है. वहीं, विश्व बाजार में बिटक्वॉइन और क्रिप्टोकरेंसी जैसे निवेश पर लोगों का झुकाव बढा है. वहीं, प्राइवेट करेंसियों पर लोगों का झुकाव देखकर अब भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) डिजिटल करेंसी प्रोजेक्ट पर काम करना शुरू कर दिया है.वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी पिछले बजट में ऐलान किया था कि आरबीआई अगले वित्त वर्ष Digital Rupee को लॉन्च करेगा. बता दें, डिजिटल रूपी को सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी यानी CBDC भी कह सकते हैं. पहले केंद्रीय बैंक डिजिटल रुपये के थोक खंड का पायलट परीक्षण कर चुका है. एक नवंबर को डिजिटल रुपये के थोक खंड का पहला परीक्षण हुआ था.

यह भी पढ़ेंः Business Idea: इन 4 बिजनेस से होगी मोटी कमाई, जल्द बनाएं शुरुआत की प्लानिंग

थोक के बाद खुदरा पायलट प्रोजेक्ट

अब इसी डिजिटल करेंसी यानी डिजिटल रूपी को आरबीआई भारतीय बाजार में उतारने के लिए पूरी तरह से तैयार है. आरबीआई ने इसके लिए विज्ञप्ती भी जारी की है. आरबीआई ने कहा है कि, केंद्रीय बैंक डिजिटल करेंसी का इस्तेमाल संबंधी पायलट परीक्षण की घोषणा की है. ये एक दिसंबर को बंद उपयोगकर्ता में चुनिंदा जगहों पर परीक्षण किया जाएगा. जिसमें ग्राहक और बैंक मर्चेंट दोनों शामिल होंगे.

यह भी पढ़ेंः Post Office की इस सुपरहिट स्कीम में मिलेगा 3.8 लाख का ब्याज, जानें कितना करना होगा निवेश

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया देश में डिजिटल करेंसी को बाजार में लॉन्च करने जा रहा है. डिजिटल रुपये के खुदरा इस्तेमाल के इस पायलेट प्रोजेक्ट में SBI, ICICI बैंक समेत चार अन्य बैंक को शामिल किया गया है. यह पायलेट प्रोजेक्ट दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु और भुवनेश्वर में किया जाएगा. आरबीआई का कहना है कि ये इलेक्ट्रॉनिक रुपये एक डिजिटल टोकन के रूप में होगा जो एक वैध मुद्रा का प्रतिनिधित्व करेगा.

यह भी पढ़ेंः Uttar Pradesh में अब आसानी से खोला जा सकता पेट्रोल पंप, जानें सरकार का नया फैसला

Digital Rupee का आम लोगों पर क्या होगा प्रभाव

ये डिजिटल करेंसी भारत के आम लोगों के लिए काफी नया है. जिसके बारे में उन्हें ज्यादा पता भी नहीं है.हालांकि, RBI ने इसे पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर 1 दिसंबर 2022 से शुरू करने की घोषणा कर दी है. बता दें, क्रिप्टोकरेंसी और बिटक्वॉइन जैसी चीजें पहली ही विश्व बाजार में है लेकिन ये भारत में वैलिड नहीं है. इसी प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी के काट के रूप में RBI ने डिजिटल रूप को लॉन्च कर रहा है. हालांकि, ये जानना जरूरी है कि डिजिटल करेंसी आम लोगों पर कितना और कैसा प्रभाव डालेगी. आपको बता दें, डिजिटल करेंसी पायलेट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू किया जा रहा है ऐसे में RBI भी इसका आकलन करेगी की लोगों के लिए डिजिटल करेंसी कितना फायदेमंद होगी.

यह भी पढ़ेंः Ladli Laxmi Yojana: 5 किस्तों में आपकी बेटी को सरकार देगी 1.5 लाख रुपये, जानें कैसे

हालांकि, इसकी कुछ अच्छे प्रभाव बताए गए हैं. जैसे की डिजिटल रूपी का इस्तेमाल प्राइमरी फाइनेंशियल सर्विस के तौर पर किया जाता है तो पेमेंट का तरीका और ज्यादा लचीला और सरल हो जाएगा.डिजिटल रूपी की मदद की मदद से रेमिटेंस यानी क्रॉस बॉर्डर ट्रांजैक्शन सस्ता हो जाएगा.डिजिटल रूपी का ट्रांसफर आसान और तेज होगा. मेंटिनेंस और प्रोसेस सिंपल होने के कारण ट्रांजैक्शन चार्ज घट जाएंगे. और डिजिटल रूपी का ट्रांसफर आसान और तेज होगा. मेंटिनेंस और प्रोसेस सिंपल होने के कारण ट्रांजैक्शन चार्ज घट जाएंगे. ट्रांसफर प्रोसेस तेज होने के कारण इकोनॉमिक ग्रोथ की रफ्तार तेज होगी.डिजिटल रूपी के कारण किसी भी ट्रांजैक्शन को वेरिफाई करने बहुत ज्यादा आसान हो जाएगा. साथ ही बैंकिंग सेक्टर के लिए रिस्क मॉनिटरिंग का काम भी घट जाएगा.बताया जा रहा है कि,डिजिटल रूपी पूरी तरह रेग्युलराज्ड और सेंट्रलाइज्ड होगा,जिसके कारण प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी का क्रेज कम होगा. यानी कुल मिलाकर डिजिटल करेंसी भारत में बिजनेस, इनवेस्टमेंट, सेविंग और शॉपिंग का तरीका बदल देगा.