हिंदू मान्यताओं के अनुसा, सनातन धर्म में पेड़, पौधों और पशुओं में भी ईश्वरीय सत्ता बताई जाती है. ऐसे में उन चीजों की रक्षा करना हमारा परम कर्तव्य होता है और उनका पालन करना सनातनियों का प्रथम कार्य होता है. उन्हीं पौधों में तुलसी का पौधा (Basil Plants) भी है जिसे एक पवित्र पौधा माना जाता है और हिंदू धर्म को मानने वाले इसकी पूजा करते हैं. साथ ही इस पौधे वैद्य या डॉक्टर लोग भी आयुर्वेद के रूप में करते हैं. हिंदू धर्म में तुलसी का पौधा बहुत पवित्र होता है और लगभग हर हिंदू घरों में तुलसी का पौधा आपको मिल जाएगा. इसके पत्तों को इस्तेमाल अनेकों चीजों के उपयोग में किया जाता है मगर क्या आप जानते हैं कि इसके पत्ते किसी भी समय तोड़ने से अशुभ चीजें होती हैं.

तुलसी के पत्तों से जुड़ी मान्यताएं

वास्तु और ज्योतिष शास्त्रों में तुलसी बहुत ही शुभ पौधा होता है और इसके पूजा करने के भी कुछ प्रावधान हैं साथ इसके पत्तों में भी पवित्रता बताई गई है. यहां हम आपको तुलसी के पत्तों को लेकर कुछ नियम आपको बताएंगे, जिनका ध्यान आपको रखना चाहिए.

1. तुलसी के पत्तों को नाखूनों से नहीं तोड़ना चाहिए, ना ही हाथ मारकर तोड़ें और लकड़ी से तो बिल्कुल नहीं तोड़ें. पत्तियों को तोड़ते समय हमेशा कोमलता से उंगलियों का प्रयोग करें.

2. तुलसी के पत्तों को तोड़ने से पहले तुलसी मां की प्रार्थना करें और अनुमति लें क्योंकि इसके बारे में शास्त्रों में लिखा है.

3. बिना नहाए तुलसी के पौधे को भूलकर भी नहीं छूना चाहिए, इससे वो अपवित्र हो जाती हैं ऐसा माना जाता है और छूने वाला पापी बन जाता है.

4. सूखी हुई तुलसी को फेंकने के बजाय किसी नदी में प्रवाहित कर देना चाहिए.

5. अमावस्या, द्वादशी, चतुर्दशी, रविवार और गुरुवार के दिन तुलसी के पत्तों को नहीं तोड़ना चाहिए.

6. सूर्यग्रहण या चंद्रग्रहण के समय जो भी खाने की चीजें हों उनपर तुलसी के पत्ते रख देने चाहिए.

7. भगवन शंकर और गणेश जी पर तुलसी के पत्ते अर्पित नहीं करने चाहिए. वहीं भगवान विष्णु के भोग में तुलसी अनिवार्य बताया गया है.

Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ओपोई इसकी पुष्टि नहीं करता है.