भारतीय पहलवान सूरज वशिष्ठ (Suraj Vashishth) ने 26 जुलाई की रात U17 वर्ल्ड चैंपियनशिप में 55 किग्रा ग्रीको-रोमन इवेंट में गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास रच दिया. वह 1990 में यह उपलब्धि हासिल करने वाले पप्पू यादव के बाद U17 आयु वर्ग में ग्रीको-रोमन विश्व चैंपियन बनने वाले पहले भारतीय हैं. भारत ने ग्रीको-रोमन वर्ल्ड चैंपियनशिप में अभी तक एक भी गोल्ड मेडल नहीं जीता है, लेकिन जूनियर लेवल में उसके पास चार पदक हैं. 

भारतीय युवा खिलाड़ी ने 55 किग्रा भार वर्ग में यूरोपीय चैंपियन अजरबैजान के फरैम मुस्तफायेव को 11-0 से हराया. पप्पू यादव ने क्रमशः 1990 और 1992 में U17 और U20 कैटेगरी में गोल्ड मेडल जीता था. इस बीच विनोद कुमार ने 1980 में ग्रीको-रोमन कुश्ती में U17 गोल्ड पदक जीता था. 

सूरज वशिष्ठ ने जीत के बाद यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग को बताया, “मेरा सपना है कि मैं अपनी कैटेगरी में सर्वश्रेष्ठ बनूं. जाहिर है कि एक सीनियर वर्ल्ड टाइटल भी एक सपना है.”

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इस बीच भारतीय कोच इंद्रजीत सिंह ने बताया कि उन्होंने सूरज वशिष्ठ को किया टिप्स दिए थे. UWW ने भारत के कोच इंद्रजीत सिंह के हवाले से कहा कि विपक्षी काफी ओपन स्टान्स का खिलाड़ी था तो हमने सूरज से हाथ बंद रखने को कहा था.

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युवा पहलवान सूरज की जीत पर कई लोग उन्हें बधाई दे रहे हैं. भारतीय पहलवान बजरंग पुनिया ने सूरज को सोशल मीडिया के जरिए बधाई दी. उन्होंने सूरज की फोटो ट्वीट की और लिखा, “सूरज ने रचा इतिहास. 32 साल बाद देश को दिलाया U17 विश्व चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक. बहुत बहुत बधाई छोटे भाई आपको और ऐसे ही आगे बड़ते रहो और देश के लिए मेडल जीतें रहो. जय हिन्द.”