वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल (WTC Final) में भारत की हार के
बाद ज्यादातर लोग टीम की प्लेइंग इलेवन के चयन पर सवाल उठा रहे हैं. भारत के पूर्व खिलाड़ी व कमेंटेटर संजय मांजरेकर अपने बयानों को लेकर काफी चर्चा में रहते हैं, खासकर भारत के
ऑल-राउंडर रवींद्र जडेजा पर दिए बयानों को लेकर. डब्लूटीसी फाइनल में भारत की हार का
इल्जाम जडेजा पर लगाते हुए संजय माजरेकर ने अपने ताजा बयान में कहा है कि जडेजा को खिलाने का फैसला बैकफायर कर गया.

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क्या जडेजा को नहीं होना चाहिए था प्लेइंग
इलेवन का हिस्सा

संजय मांजरेकर ने क्रिकइंफो को दिए एक इंटरव्यू में कहा कि
जडेजा एक बल्लेबाज के नाते टीम की प्लेइंग इलेवन में शामिल नहीं हो सकते. आपको बता दें कि डब्लूटीसी
फाइनल से पहले संजय ने अपनी संभावित टीम में भी जडेजा को शामिल नहीं किया था,
उन्होनें जडेजा की जगह हनुमा विहारी के साथ 6 बल्लेबाजो को प्लेइंग इलेवन में खिलाने
की बात कही थी. संजय मांजरेकर ने आगे कहा, “टीम में दो स्पिनर्स को खिलाना हमेशा से ही एक विवादास्पद फैसला था. दो
स्पिनर्स को टीम में खिलाना सही नहीं था, मैच से पहले बारिश हो रही थी और टॉस भी एक
दिन की देरी से हुआ था.”

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सूखी पिच पर दोनों स्पिनर्स को खिला सकते हैं

संजय मांजरेकर ने अपने बयान में आगे कहा कि
जडेजा को उनकी बल्लेबाजी की वजह से खिलाया गया था, उनकी बाएं हाथ की गेंदबाजी की
वजह से नहीं जो उनके हिसाब से सही नहीं है. उनके अनुसार आर अश्विन और
रवींद्र जडेजा को साथ में तब ही खिलाना चाहिए जब आपको पता हो कि पिच सूखी है और
बॉल घूम सकती है. हमुना विहारी की डिफेन्सिव बल्लेबाजी भारत के काम आ सकती थी, अगर
टीम में जडेजा की जगह हनुमा विहारी होते तो भारत बेहतर स्कोर बना सकता था. जो भारत
को डब्लूटीसी फाइनल जीतने के लिए अहम भूमिका निभाता.    

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रवींद्र जडेजा ने WTC फाइनल की पहली पारी में 15 और दूसरी पारी में 16 रन बनाए. उन्होंने मैच में एक विकेट लिया.