ओलंपिक कांस्य पदक विजेता भारतीय हॉकी खिलाड़ी रुपिंदर पाल सिंह ने गुरुवार को युवाओं को मौका देने के लिए तत्काल प्रभाव से अंतरराष्ट्रीय हॉकी से संन्यास की घोषणा कर दी है. 

रुपिंदर ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर पोस्ट किए गए एक बयान में लिखा, “मैं आपको भारतीय हॉकी टीम से संन्यास लेने के अपने फैसले के बारे में बताना चाहता हूं. पिछले कुछ महीने निस्संदेह मेरे जीवन के सबसे अच्छे दिन रहे हैं. अपने साथियों के साथ टोक्यो में पोडियम पर खड़े होकर जिनके साथ मैंने कुछ साझा किया है, मेरे जीवन का सबसे अविश्वसनीय अनुभव है. वो एक ऐसा अहसास था जिसे मैं हमेशा संजो कर रखूंगा.”

देश के सर्वश्रेष्ठ ड्रैग-फ्लिकर में से एक माने जाने वाले 30 वर्षीय रुपिंदर ने 223 मैचों में भारत का प्रतिनिधित्व किया, उनहोनें कहा, “मेरा मानना है कि अब समय आ गया है जब युवा और प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को उस आनंद की अनुभूति का अवसर दिया जाए, जो भारत के लिए खेलते हुए मैं पिछले 13 साल से अनुभव कर रहा हूं.”

रुपिंदर इस साल टोक्यो खेलों में 41 साल के पदक का सूखा खत्म कर कांस्य पदक जीतने वाली भारतीय हॉकी टीम का एक अभिन्न हिस्सा थे. टोक्यो ओलंपिक में भारत के अभियान के दौरान चार महत्वपूर्ण गोल किए. जिसमें जर्मनी के खिलाफ कांस्य पदक के मैच में पेनल्टी स्ट्रोक पर किया गया गोल भी शामिल है.

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