IND U19 vs ENG U19 : भारत (India) और इंग्लैंड (England) के बीच आईसीसी अंडर 19 विश्व कप 2022 फाइनल मैच में इंग्लैंड के खिलाफ चार विकेट से जीत दिलाने में राज बावा (Raj Bawa)के आलराउंड प्रदर्शन का बड़ा योगदान रहा. मैच में इंग्लैंड के मुकाबले में राज बावा का जलवा देखने को मिला. राज बावा ने पहले तो गेंदबाजी में कमाल दिखाया और फिर बाद में मुश्किल परिस्थिति में जरूरी साझेदारी कर इंडिया टीम को जीत की तरफ ले आए. आपको बता दें कि राज बावा के आलराउंड प्रदर्शन की वजह से उन्हें ‘प्लेयर आफ द मैच’ का खिताब भी दिया गया. राज बावा अंडर-19 विश्व कप के फाइनल में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले गेंदबाज बन गए हैं.

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इससे पहले फाइनल में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन का रिकॉर्ड पाकिस्तान (Pakistan)के अनवर अली (Anwar Ali) के नाम दर्ज था. इन्होने साल 2006 के अंडर-19 वर्ल्ड कप फाइनल में टीम इंडिया के खिलाफ फाइनल में 35 रन देकर 5 विकेट हासिल किए थे. इसके अलावा राज बावा ने अंडर-19 वर्ल्ड कप फाइनल मैच में पांच विकेट लेने वाले पहले भारतीय बॉलर हैं.

 इंग्लैंड टीम 189 रन पर आल आउट हुई 

मैच में इंग्लैंड की टीम ने टास जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला किया. राज बावा ने 31 रन देकर 5 विकेट झटके. राज बावा और रवि कुमार के सामने इंग्लैंड के बल्लेबाज पूरी तरह से धराशाई हो गए और पूरी टीम 189 रन पर आल आउट हो गई.आपको जानकारी के लिए बता दें कि इंग्लैंड को इस स्कोर पर रोकने में राज बावा की गेंदबाजी का अहम योगदान रहा.

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इसके बाद जब बात बल्लेबाजी की आई तो राज बावा में अच्छा प्रदर्शन किया. उन्होंने ऐसे समय में निशांत संधु (50) के साथ साझेदारी की, जब टीम मुश्किल हालातों में थी. भारतीय टीम 190 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए 97 रन पर चार विकेट गंवा चुकी थी.इसके बाद यहां से निशांत और राज ने 67 रन की साझेदारी कर टीम को फिर से जीत की राह पर लौटाया. इसके बाद 35 रन बनाकर राज बावा आउट हुए. लेकिन इंडिया टीम की जीत लगभग सुनिश्चित कर चुके थे.

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74 साल पहले दादा लाए थे गोल्ड मेडल

राज बावा के परिवार का खेलों से गहरा नाता रहा है. इनके दादाजी तारलोचन बावा ओलिंपिक गोल्ड मेडलिस्ट रहे हैं. दादा स्वर्गीय तरलोचन सिंह बावा हॉकी के प्रख्यात खिलाड़ी थे. वे युनाइटेड किंगडम में हुए 1948 ओलिंपिक में गोल्ड मेडल जीतने वाली भारतीय हॉकी टीम के सदस्य थे.इसके अलावा राजा बावा के पिता सुखविंदर क्रिकेट से जुड़े रहे हैं. वह भारतीय टीम के पूर्व क्रिकेटर युवराज सिंह को भी बचपन में कोचिंग दे चुके हैं. युवराज के अच्छे प्रदर्शन को देखकर राज अंगद बावा ने उनके नक्शे कदम पर चलने का फैसला किया. युवराज की तरह राज बावा भी 132 नंबर की जर्सी पहनकर खेलते है.

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