हिंदू धर्म में तुलसी के पौधे को पूजनीय माना गया है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इसमें लक्ष्मी माता का वास होता है. इस पौधे को घर में लगाने से आस-पास सकारात्मक ऊर्जा पैदा होती है. तुलसी का पौधा (Tulsi Plant) आपके जीवन में चमत्कारिक बदलाव ला सकता हैं. इसे सही दिशा में लगाने से जीवन में सुख-समृद्धि आती है लेकिन तुलसी में जल देते समय कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए. इसके लिए वास्तु शास्त्र (Vastu Shastra) में तुलसी पूजा से जुड़े कई नियम बताए गए हैं. 

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तुलसी में जल अर्पित करने के नियम

1.वास्तु शास्त्र के अनुसार, बिना स्नान किए तुलसी को छूने की मनाही है. ऐसे में हमेशा स्नान के बाद ही तुलसी में जल अर्पित करना चाहिए.

2.धार्मिक मान्यता के अनुसार, तुलसी को जल खाली पेट ही अर्पित करना चाहिए. बिना भोजन किए तुसली में जल अर्पित करने से जीवन में खुशहाली आती है.

3. रविवार को तुलसी में जल अर्पित नहीं करना चाहिए. इसके पीछे मान्यता है कि इस दिन मां तुलसी विश्राम करती हैं.

4. वास्तु के अनुसार तुलसी में जल देते समय ऐसा वस्त्र धारण करना चाहिए जो कि बिना सिलाई का हो और एक रंग का हो. ऐसा वस्त्र धारण करके तुलसी में जल देना सर्वोत्तम माना गया है. 

5.ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, एकादशी के दिन मां तुलसी भगवान विष्णु के लिए निर्जला व्रत रखती हैं.  इसलिए इस दिन तुलसी में जल अर्पित नहीं करना चाहिए.

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इस दिशा में लगाएं तुलसी का पौधा

वास्तु शास्त्र के मुताबिक तुलसी का पौधा पूरब दिशा में लगाना सबसे अच्छा होता है. पूर्व दिशा के अलावा उत्तर-पूर्व यानी ईशान कोण में भी तुलसी का पौधा लगाया जा सकता है. इन दिशाओं में तुलसी लगाने से पौधा हरा-भरा रहता है. इसके साथ ही आस-पास सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता रहता है.

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तुलसी में जल देते समय बोले यह मंत्र

तुलसी में जल देने से तो कई लाभ मिलते ही हैं साथ ही अगर जल देते समय एक विशेष मंत्र का उच्चारण किया जाए तो जीवन में दुगनी गति से सुख-समृद्धि बढ़ती है. इस मंत्र के उच्चारण से रोग मिट जाते हैं. मंत्र है- ‘महाप्रसाद जननी, सर्व सौभाग्यवर्धिनी, आधि व्याधि हरा नित्यं, तुलसी त्वं नमोस्तुते.’

नोटः ये लेख मान्यताओं के आधार पर बनाए गए हैं. ओपोई इस बारे में किसी भी बातों की पुष्टि नहीं करता है.