यह बात तो हम सभी जानते हैं कि ज्योतिष में शनि गोचर का महत्व अधिक माना जाता है. भले ही शनि का परिवर्तन छोटा ही क्यों न हो, फिर भी यह लोगों के जीवन पर असर डालता है. शनि का गोचर इस बार 12 जुलाई को होने जा रहा है, जिसके कारण सभी के जीवन पर खास असर पड़ेगा. शनि ग्रह वक्री चाल चलते हुए कुंभ राशि से निकलकर मकर राशि में प्रवेश करने जा रहे हैं. शनि की नकारात्मक ऊर्जा से बचने के लिए आप कुछ खास उपाय कर सकते हैं, तो चलिए जानते हैं.

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घर में लगाएं अपराजिता का पौधा

वास्‍तु शास्‍त्र में अपराजिता के पौधे को बेहद शुभ माना गया है. यह पौधा भगवान विष्‍णु को भी बेहद प्रिय है और इस पौधे को लगाने से शनि देव की कृपा भी बरसती है. घर में यह पौधा लगाने से घर में कभी पैसों की कमी नहीं होती है. इसके अलावा शनि देव और विष्‍णु जी की कृपा से हर काम में सफलता मिलती है. अपराजिता को विष्णुप्रिया, विष्णुकांता, गिरिकर्णी और अश्वखुरा भी कहते हैं.

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अलग-अलग रंगों के होते हैं अपराजिता

वास्‍तु के मुताबिक सफेद और नीले रंग के फूलों वाली अपराजिता की बेल पैसे को आकर्षित करती है. सफेद अपराजिता घर में सुख-शांति भी बढ़ाती है, वहीं नीली अपराजिता घर के लोगों का बुद्धि-चातुर्य बढ़ाती है. जिन जातकों पर शनि की साढ़ेसाती या ढैय्या चल रही हो उन्‍हें शनि देव को अपराजिता के नीले फूल अर्पित करने की सलाह दी जाती है.

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इस पौधे को लगाने से मिलता है फायदा

अपराजिता के फूल दो रंग के होते हैं – सफेद और नीले. दरअसल, अपराजिता एक बेल होती है. चूंकि इसे घर में लगाने से खूब पैसा मिलता है इसलिए इसे धन बेल भी कहते हैं. मान्‍यता है कि जैसे-जैसे अपराजिता की बेल बढ़ती है वैसे वैसे घर में पैसा-संपन्‍नता और खुशहाली बढ़ती है.

इस दिशा में ही लगाएं अपराजिता का पौधा

ध्‍यान रखें कि अपराजिता की बेल घर की उत्तर दिशा में लगाना बहुत लाभ देता है. लेकिन इसे पश्चिम या दक्षिण दिशा में गलती से भी न लगाएं.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ओपोई इसकी पुष्टि नहीं करता है.)