वास्तु शास्त्र के अनुसार अगर किसी घर में वास्तु से जुड़ा कोई भी दोष पाया जाता है तो वहां बहुत सी परेशानियां उत्पन्न होने लगती है. हमारे घर में मंदिर का भी काफी महत्व होता है, लेकिन उससे भी अधिक महत्व होता है मंदिर में जलने वाले दीपक की लौ का. जी हां, आपने सही सुना. वास्तु शास्त्र में पूजा घर को लेकर भी कई नियम बताए गए हैं. पूजा करते समय यदि हर चीज अपनी सही जगह पर नहीं है तो इससे आपके जीवन में कई परेशानियां उत्पन्न हो सकती हैं.

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देवी-देवता की पूजा करते समय पूजा की चीज जैसे कलश, अगरबत्ती, दीपक या अन्य सामग्री सही दिशा में न रखी जाए तो व्यक्ति के घर में सकारात्मक ऊर्जा की कमी हो जाती है और पूजा का फल भी उसे प्राप्त नहीं होता है. इस प्रकार मंदिर में जलने वाले दीपक की लौ किस तरफ है इस बात का भी खास ख्याल रखना जरूरी होता है. यदि आप ऐसा नहीं करते हैं तो आपके घर से सुख-शांति जाने की पूरी संभावना है.

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जानिए दीपक को किस दिशा में रखना चाहिए

पूर्व दिशा

वास्तु शास्त्र के अनुसार, पूर्व दिशा में दीपक की लौ का जलना बेहद शुभ माना जाता है. इस दिशा में दीपक जलाने वाले जातक की उम्र लंबी होती है.

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दक्षिण दिशा

वास्तु शास्त्र के मुताबिक, दक्षिण दिशा में दीपक की लौ को कभी नहीं जलाना चाहिए. ऐसा माना जाता है कि इस दिशा में दीपक की लौ जलाने से घर में धन की कमी होने लगती है. इंडिया टीवी की रिपोर्ट के अनुसार, इस दिशा में युवराज का वास होता है.

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पश्चिम दिशा

अगर आप सभी तरह की परेशानियों से छुटकारा पाना चाहते हैं तो आपको दीपक की लौ को पश्चिम दिशा में रखना होगा. इस दिशा को बहुत शुभ माना जाता है. अगर आप किसी तरह के दुख से गुजर रहे हैं तो पश्चिम दिशा में दीपक की लौ जरूर जलाएं.

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उत्तर दिशा

उत्तर दिशा में दीपक की लौ जलाना शुभ माना जाता है. वास्तु शास्त्र की मानें तो इस दिशा में दीपक की लौ जलाने से व्यक्ति को धन लाभ होता है.

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दीपक जलाते समय इस मंत्र का करें जाप

दीपज्योति: परब्रह्म:

दीपज्योति: जनार्दन:

दीपोहरतिमे पापं संध्यादीपं नमोस्तुते…

शुभं करोतु कल्याणमारोग्यं सुखं सम्पदां

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ओपोई इसकी पुष्टि नहीं करता है.)