आप लोगों ने जेड प्लस सिक्योरिटी (Z plus security) के बारे में तो सुना ही होगा. सुनने में ये बहुत भौकाली लगती है. लेकिन ऐसा सिर्फ सुनने में ही नहीं, ये होती ही बहुत भौकाली है. ये देश के चुनिंदा VVIP लोगों को दी जाती है. अगर देश के किसी मान्य शख्स की सुरक्षा को खतरा प्रतीत होता है. तो सरकार उन्हें ये सुरक्षा उपलब्ध करा सकती है. ये खास सुरक्षा देश के बेहद चुनिंदा लोगों को ही मिलती है. आइए जान लेते हैं कि जेड प्लस सिक्योरिटी में आखिर इतना खास क्या है. साथ ही ये भी जान लेते हैं कि ये X, Y और Z सिक्योरिटी से अलग कैसे है.

1. X कैटेगरी सिक्योरिटी

X कैटेगरी सिक्योरिटी एक बेसिक प्रोटेक्शन वाली सिक्योरिटी होती है, जो छोटे नेताओं व अभिनेताओं को दी जाती है. इस सिक्योरिटी में सिर्फ 2 सुरक्षाकर्मी शामिल होते हैं.  इस सिक्योरिटी में कमांडो शामिल नहीं होते. X सिक्योरिटी में पर्सनल सिक्योरिटी ऑफिसर भी शामिल हो सकता है. बता दें कि देश के लगभग 65 से ज्यादा लोगों को X सिक्योरिटी सेवा प्रदान की गई है.

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2. Y कैटेगरी सिक्योरिटी

अब बात अगली सिक्योरिटी की करें तो नंबर आता है Y कैटेगरी की सिक्योरिटी का. Y कैटेगरी की सिक्योरिटी VIP लोगों को दी जाती है. Y सिक्योरिटी में 11 सुरक्षाकर्मियों तैनात होते हैं . इसमें 1 या 2 कमांडो, 2 पर्सनल सिक्योरिटी ऑफिसर शामिल होते हैं.

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3. Z कैटेगरी सिक्योरिटी

Z कैटगरी सिक्योरिटी में सुरक्षा का एक मजबूत घेरा बनाया जाता है. इस सिक्योरिटी के अंतर्गत 22 सुरक्षाकर्मी होते हैं, जो व्यक्ति को कड़ी सुरक्षा प्रदान करते हैं. Z सिक्योरिटी में नेशनल सिक्योरिटी गार्ड (NSG) के  4 या 5 कमांडर भी शामिल किए जाते हैं. यह सुरक्षा दिल्ली पुलिस या सीआरपीएफ द्वारा दी जाती है. Z कैटेगरी की सिक्योरिटी में एस्कॉर्ट कार भी होती है. इसमें तैनात कमांडोज के पास सब मशीनगन और आधुनिक संचार के साधन (modern means of communication) मौजूद रहते हैं. इस कैटेगरी में तैनात किए गए कमांडोज मार्शल ऑर्ट में पारंगत होते हैं जो बिना हथियार के भी लड़ने का हुनर रखते हैं.

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4. Z प्लस सिक्योरिटी

Z प्लस सिक्योरिटी को देश की नंबर 1 सिक्योरिटी की श्रेणी में रखा जाता है. Z सिक्योरिटी भारत की सबसे बड़ी वीवीआईपी सुरक्षा सेवा होती है.  यह सिक्योरिटी अधिकतर सुप्रीम कोर्ट व हाईकोर्ट के जजों, मुख्यमंत्री, मशहूर राजनेता, व बड़े ब्यूरोक्रेट्स को मुहैया कराई जाती है. इस सुरक्षा के तहत 36 लोगों का एक बल होता है,जिसमें एनएसजी (NSG ) एसपीजी (SPG ) के 10 कमांडो और 10 पुलिस बल के अधिकारी शामिल होते हैं. सभी सुरक्षाकर्मियों के पास आधुनिक हथियार मौजूद होते हैं. यह सुरक्षा तीन घेरों में दी जाती है. पहले घेरे में एनएसजी सुरक्षा होती है, इसके बाद एसपीजी के अधिकारी तैनात होते हैं और इसके साथ ही आईटीबीपी और सीआरपीएफ के जवान भी सुरक्षा में लगाए जाते हैं.

Z प्लस सिक्योरिटी में बड़ी ही कड़ी सुरक्षा के इंतजाम होते हैं. इस सुरक्षा में हर कदम पर बारीकी से नजर रखी जाती है.