Agnipath Scheme: केंद्र सरकार की सेना भर्ती के लिए अग्निपथ योजना (Agnipath Scheme) पर शुरू से सवाल खड़े हो रहे हैं. युवा लोगों का कहना था कि, यह सरकार की मनमानी है. वहीं, इसका विरोध करने वाले कोर्ट का दरवाजा तक खटखटाया. हालांकि, न्यायालय से उन्हें किसी तरह की राहत नहीं मिली है. दिल्ली हाईकोर्ट ने जहां इस योजना को बरकरार रखा था. वहीं, हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ दायर याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने सिरे से खारिज कर दिया है.

Agnipath Scheme पर सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा

सुप्रीम कोर्ट ने सेना में भर्ती की केंद्र सरकार की अग्निपथ योजना के खिलाफ दायर दो अपीलों को 10 अप्रैल को खारिज कर दिया. कोर्ट ने इसपर टिप्पणी कर कहा कि यह योजना मनमानी नहीं है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सार्वजनिक हित अन्य विचारों से अधिक महत्वपूर्ण हैं. इसके साथ ही कोर्ट ने यह भी कहा कि अग्निपथ योजना शुरू होने से पहले रक्षा भर्ती प्रक्रिया में चयनित हो चुके उम्मीदवारों को नियुक्ति का अधिकार नहीं है.

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सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने याचिका पर कहा, हम हाई कोर्ट के फैसले में हस्तक्षेप नहीं करेंगे. हाई कोर्ट ने इसके सभी पहलुओं पर विचार किया था. इसके साथ शीर्ष अदालत ने याचिका खारिज कर दी.

Agnipath Scheme पर दिल्ली हाईकोर्ट ने क्या कहा था

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि, इससे पहले फरवरी में दिल्ली हाईकोर्ट ने अग्निपथ योजना की वैधता को बरकरार रखा था. दिल्ली उच्च न्यायालय ने अपने आदेश में कहा था कि अग्निपथ योजना राष्ट्रीय हित में तैयार की गई थी और यह सुनिश्चित करने के लिए कि सशस्त्र बल बेहतर तरीके से तैयार हैं. दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दो याचिकाएं दायर की गई थीं.

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हालांकि, पीठ अग्निपथ योजना शुरू करने से पहले भारतीय वायु सेना (IAF) में भर्ती से संबंधित एक तीसरी ताजा याचिका को 17 अप्रैल के लिए सूचीबद्ध कर लिया. पीठ ने केंद्र से भारतीय वायुसेना में भर्ती से संबंधित तीसरी याचिका पर अपना जवाब दाखिल करने को कहा है.