भारत अपने धार्मिक विचारों और अलग संस्कृति के लिए पूरे विश्वभर में प्रसिद्ध है. देश में एक ऐसा मंदिर है, जहां पर भगवान राम की बहन शांता की पूजा की जाती है. यह मंदिर हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) में कुल्लू से करीब 50 किलोमीटर दूर है, जहां उनकी बहन शांता की रोजाना पूजा होती है. इस मंदिर में लोग लिए दूर-दूर से आते है. मान्यता ऐसी है कि जो भी इंसान इस मंदिर में पूजा करता है. उसे भगवान राम के साथ-साथ उनकी बहन का भी आर्शीवाद प्राप्त होता है. नवभारत टाइम्स के लेख के अनुसार, इस मंदिर में दशहरा (Dussehra) का त्योहार बड़ी ही धूम धाम से मनाया जाता है.

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पौराणिक कथाओं में राम की बहन का उल्लेख 

पौराणिक कथाओं के मुताबिक, ऐसा कहा जाता है कि भगवान राम की बहन शांता उनसे बड़ी थी. कई लोगों का मानना है कि राजा दशरथ का वंश चलाने के लिए कोई पुत्र नहीं था. इसके बाद राजा दशरथ ने पुत्र कामेष्टि नाम का एक यज्ञ करवाया. यज्ञ होने के कुछ समय बाद राम, भरत और जुड़वां लक्ष्मण और शत्रुघ्न का जन्म हुआ.

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भगवान राम की बहन कौन है?

ये बात तो सभी जानते हैं कि राम, लक्ष्मण और शत्रुध्न चार भाई थे. लेकिन राम जी की एक बहन भी थी, जिनका नाम शांता था. रामायण में भी उनका उल्लेख किया गया है. वो इन 4 भाइयों में सबसे बड़ी थी. शांता राजा दशरथ और उनकी चार रानियों में से कौशल्या और उनकी बेटी थी. जिन्हें कौशल्या की बड़ी बहन वार्शिनी ने गोद लिया था. कई लोगों का ऐसा मानना है कि वार्शिनी की कोई संतान नहीं थी उन्होंनें शांता को गोद लेने की बात रखी थी, जिसके बाद राजा दशरथ ने उन्हें शांता सौंप दी थी.

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देवी शांता के बारे में 

पौराणिक कथाओं के मुताबिक, राम की बहन शांता को कलाओं के साथ-साथ वेदों और शिल्प का भी ज्ञान था. आपको जानकारी के लिए बता दें कि शांता की शादी श्रृंग ऋषि से हुई थी. वह अंग देश की रानी थी. श्रृंग ऋषि ऋष्यश्रृंग के पुत्र थे. कुल्लू के शांता मंदिर में देवी के साथ-साथ उनके पति की भी पूजा होती है.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ओपोई इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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