2 अक्टूबर को महात्मा गांधी की जयंती के अलावा आजाद भारत के दूसरे प्रधानमंत्री रहे लाल बहादुर शास्त्री की जयंती (Lal Bahadur Shastri) भी इसी दिन होती है. भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के आकस्मिक निधन के बाद लाल बहादुर शास्त्री (Lal Bahadur Shastri Jayanti) ने प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी. वह कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं में से एक थे. 2 अक्टूबर का यह दिन हम भारतीयों के लिए अधिक महत्वपूर्ण है क्योंकि इस दिन हमारे देश के दो महान व्यक्तियों का जन्म हुआ था, जिन्होंने देश के विकास और आजादी में अपना अधिक योगदान दिया. इसी वजह से यह दिन हमारे लिए दोहरे उत्सव का दिन है.

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2 अक्टूबर को महात्मा गांधी जी और लाल बहादुर शास्त्री की जयंती के अवसर पर स्कूल और कॉलेज में कई तरह के कार्यक्रम आयोजित होते हैं. भाषण  (Lal Bahadur Shastri jayanti speech in hindi) और निबंध प्रतियोगिताएं होती हैं. इस आर्टिकल में हम आपके लिए लेकर आये हैं लाल बहादुर शास्त्री जयंती के लिए भाषण का एक उदाहरण. आप यहां से आइडिया लेकर भाषण तैयार कर सकते हैं.

लाल बहादुर शास्त्री स्पीच 

सभा में मौजूद माननीय प्रधानाचार्य जी, मेरे शिक्षक गण, मेरे प्रिय मित्रों को मेरा नमन. आज हम सभी लाल बहादुर शास्त्री जी की जयंती के अवसर पर एकत्र हुए हैं और इसी मौके पर मैं छोटा-सा भाषण आप सभी के समक्ष लेकर आया हूं. उम्मीद है आप सभी इस खास दिन के बारे में और ज्यादा जानकारी प्राप्त कर पाएंगे.

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भला लाल बहादुर शास्त्री जी जैसे महान नेता को कौन नही जानता है. उन्हें किसी परिचय की आवश्यकता नही है. लेकिन देश की इतनी सेवा करने के बाद भी उन्हें अन्य नेताओं के अपेक्षा कम सम्मान और पहचान मिला है. लाल बहादुर शास्त्री का जन्म 2 अक्टूबर 1904 को उत्तर प्रदेश के वाराणसी के एक छोटे से गांव मुगलसराय में हुआ. लाल बहादुर शास्त्री जी पंडित जवाहर लाल नेहरू के बाद वह भारत के दूसरे प्रधानमंत्री बने थे.

उनको बचपन से ही देश की आजादी के प्रति अधिक लगाव था. बड़े होते हुए उन पर इतिहास का खास जूनून सवार था. जिसमें स्वामी विवेकानन्द की शिक्षाएं भी शामिल थी. लाल बहादुर शास्त्री ने देश को आजादी दिलाने में अहम भूमिका निभाई और राष्ट्र हित में कई बार जेल भी गये. वे एक सच्चे राजनेता थे, जिन्हे जनता भी बहुत प्रेम करती थी.

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उनके देशभक्ति, सत्यनिष्ठा और सरलता की वजह से उन्हे हमेशा याद किया जाता है और उनके निधन के बाद उन्हे भारत रत्न से नवाजा गया. वे एक सच्चे राजनेता थे जो भले इतिहास के पन्नों पर दर्ज हों लेकिन भारतियों के हृदय में सदैव जीवित रहेंगे.

जय हिन्द।