Nirjala Ekadashi 2022 Puja Muhurat: हिंदू पुराणों के अनुसार जो व्यक्ति एकादशी का व्रत करता है. उसको जीवन में कोई भी परेशानी नहीं आती है. एकादशी के दिन भगवान विष्णु (Bhagwan Vishnu) की पूजा की जाती है. धन, यश, वैभव और संतान की प्राप्ति के लिए एकादशी के दिन व्रत रखा जाता है. हर एकादशी का अपना अलग महत्व होता है. इन्हीं में से एक है निर्जला एकादशी (Nirjala Ekadashi) का व्रत. ज्येष्ठ माह में शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को निर्जला एकादशी का व्रत रखा जाता है.एक महीने में 2 एकादशी होती है और साल के 365 दिनों में एकादशी का व्रत 24 बार ही आता है.

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जी न्यूज़ के लेख के अनुसार, इस दिन भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना की जाती है और व्रत रखा जाता है. हिन्दू शास्त्र में निर्जला एकादशी के व्रत का विशेष महत्व बताया गया है. इस लेख में हम आपको बताएंगे निर्जला एकादशी की तिथि, पूजा मुहूर्त और महत्व के बारे में.

निर्जला एकादशी तिथि 2022 (Nirjala Ekadashi Date 2022)

निर्जला एकादशी 2022 तिथि और व्रत आरंभ: 10 जून सुबह 07:25 मिनट से

निर्जला एकादशी 2022 व्रत और तिथि का समापन: 11 जून, शाम 05:45 मिनट समापन होगा.

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निर्जला एकादशी व्रत का महत्व

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि सभी व्रतों में एकादशी का व्रत श्रेष्ठ माना गया है और इसमें भी निर्जला एकादशी का व्रत सबसे श्रेष्ठ है. सबसे कठिन व्रतों में से एक निर्जला एकादशी का व्रत है. इस दिन व्रत रखने वाले लोग अन्न और जल का त्याग करते है है. मान्यता ऐसी है कि जो भी व्यक्ति ये व्रत विधिपूर्वक करता है. उसे जीवन में हमेशा शांति, सुख और समृद्धि की प्राप्ति होती है और सभी कष्टों का नाश होता है.

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निर्जला एकादशी की पूजा विधि

धार्मिक ग्रंथों में एकादशी का व्रत के बहुत से नियमों के बारे में बताया गया है. मान्यता ऐसी है कि इस दिन भक्तगण सुबह स्नान करने के बाद सूर्य देवता को जल दें. इसके अब पूजा स्थल पर बैठकर व्रत का संकल्प लें. इसके बाद भगवान विष्णु की पूजा अर्चना करें .

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पूजा का आरंभ भगवान को पीले वस्त्र पहनाकर की जाती है.साथ ही, पूजा के दौरान पीले फूलों का इस्तेमाल करें. मान्यता है कि भगवान विष्णु को पीला रंग अधिक प्रिय है. इसी वजह से इस रंग को ज्यादा प्रयोग करें. इस दिन अन्न और जल को त्यागना होता है. फिर अगले दिन यानी द्वादशी को व्रत का पारण कर लेना होता है.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ओपोई इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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