वास्तु शास्त्र की मानें तो हम अपना जीवन सुखद और खुशहाल तरीके से बिता सकते हैं. सफलता पाने के लिए वास्तु शास्त्र में कुछ खास उपायों के बारे में बताया गया है, जिससे आप आर्थिक समस्याएं भी दूर कर सकते हैं. दरअसल बाथरूम में लोग साफ-सुथरा होने के लिए जाते हैं. ऐसे में बाथरूम नकारात्मक ऊर्जा का भंडार हो सकता है. वास्तु शास्त्रों की मानें, तो बाथरूम में शीशा लगाने की सही दिशा होनी चाहिए. इसके अलावा, आपके दरवाजे भी साफ सुथरे होने चाहिए. चलिए जानते हैं बाथरूम से जुड़ी वास्तु टिप्स.

ऐसा होना चाहिए दरवाजा

अगर आप चाहते हैं कि घर में वास्तु दोष न रहे, तो बाथरूम में लकड़ी के दरवाजे लगाएं. बाथरूम में लोहे या स्टील के दरवाजे नकारात्मकता को बढ़ावा देते हैं. ऐसा करने से सेहत खराब रहती है.

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इस दिशा में लगाएं शीशा

बाथरूम में अक्सर लोग शीशा लगवाते हैं, जो कि शुभ भी होता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि वास्तु शास्त्र के मुताबिक उत्तर या पूर्व दिशा में शीशा लगाना शुभ होता है. इन्हीं दिशाओं में वॉशबेसिन भी लगवाना चाहिए.

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किस दिशा में होना चाहिए बाथरूम?

बाथरूम घर की उत्तर-पश्चिम दिशा में होना अच्छा है. अगर आप दक्षिण दिशा में बाथरूम बनवाते हैं, तो इससे घर में नकारात्मकता आती है. इसलिए घर में बाथरूम का निर्माण वास्तु दोषों को ध्यान में रखते हुए करना चाहिए.

शॉवर और वॉशबेसिन

वास्तु शास्त्र के मुताबिक वॉशबेसिन और शॉवर पूर्व, उत्तर या उत्तर पूर्व दिशा में होना चाहिए. इतना ही नही, बाथरूम में पानी बहते रहने से भी घर में आर्थिक समस्याएं होने लगती हैं. कोशिश करें कि बाथरूम के नलों से पानी न बहाएं.

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दरवाजे हमेशा बंद रखें

घर के अंदर नकारात्मक ऊर्जा को फैलने से रोकने के लिए हमेशा बाथरूम के दरवाजे बंद रखें. अगर घर के बाथरूम के दरवाजे बंद रहते हैं, तो आर्थिक समस्याएं खत्म होने लगती हैं.

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