टॉयलेट करने के बाद बहुत से लोगों की आदत होती है कि वह टिश्यू पेपर से अपने प्राइवेट पार्ट को पोंछते हैं. ऐसा करना एक अच्छी आदत मानी जाती है, खासतौर पर महिलाओं के लिए. ये जरूरी होता है ताकि प्राइवेट पार्ट में नमी ना रह जाए. कई बार इस नमी की वजह से बैक्टीरियल इंफेक्शन हो जाता है. तो चलिए जानते हैं इससे जुड़ी बाकी जानकारी.

सेंट वाले टॉयलेट पेपर नुकसानदायक

अगर टॉयलेट पेपर्स की बात करें तो मार्केट में इसके भी कई ऑप्शन मिलते हैं. बहुत से लोग ऐसे हैं जो सेंटेड टॉयलेट रोल खरीदते हैं, जो कि सेहत के लिए काफी नुकसानदायक साबित हो सकते हैं. डॉक्टर्स को अक्सर आपने यह कहते हुए सुना होगा कि जिन चीजों का इस्तेमाल आप अपने प्राइवेट पार्ट्स के लिए करते हैं वह केमिकल फ्री या सेंट फ्री होनी चाहिए.

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हो सकती हैं ये गंभीर बीमारियां

हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है कि प्राइवेट पार्ट्स की सफाई के लिए सेंटेड टॉयलेट पेपर्स का इस्तेमाल करना आपकी इंटिमेट हाइजीन के लिए काफी खतरनाक साबित हो सकता है. अगर आप इन सेंटेड टिश्यू पेपर्स का इस्तेमाल रोजाना करते हैं तो इससे आपको स्किन में जलन की समस्या हो सकती है. साथ ही सेंटेड टिश्यू पेपर का इस्तेमाल करने से स्किन में खुजली और रैशेज भी हो सकते हैं.

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सेंटेड टिश्यू पेपर्स का इस्तेमाल

सेंटेड टिश्यू पेपर्स का इस्तेमाल लंबे वक्त तक करने से बवासीर की समस्या भी हो सकती है. यह बीमारी होने पर गुदा द्वार तक रक्त ले जाने वाली नलिकाओं में सूजन और दर्द होने लगता है जिससे मल त्यागते समय आपको काफी दिक्कत हो सकती है. इसके अलावा सेंटेड टिश्यू पेपर्स से और भी कई तरह की बीमारियों का करना पड़ सकता है जैसे कि पॉलिश्ड अनस सिंड्रोम, मलाशय के आसपास की स्किन फटना, मलाशय से खून आना आदि.

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(नोट: ये जानकारी एक सामान्य सुझाव है. इसे किसी तरह के मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर न लें. आप इसके लिए अपने डॉक्टरों से सलाह जरूर लें.)