शरीर को स्वस्थ रखने के साथ मन को शांत रखने में योग का बहुत ही अहम रोल है. भारत में ऋषि मुनियों के दौर से योगाभ्यास होता आ रहा है. आपको बता दें कि आज के समय में योग (International Yoga Day 2023) हर घर व व्यक्ति की अहम जरूरत बनता जा रहा है. आजकल खानपान से लेकर आबो हवा सब प्रदूषित होती जा रही है, ऐसे में एक योग ही है. जो आपको स्वस्थ रख सकता है. योग न सिर्फ रोग से मुक्ति दिलाता है, ये हमारे आत्विश्वास में बढ़ोत्तरी और मन को शांत रखने में भी मददगार साबित होता है.
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किस भगवान को माना जाता है योग का जनक?
योग विद्या में शिव को ‘आदि योगी’ माना जाता है यानी भगवान शिव को ही योग का जनक बताया गया है. वेदों के अनुसार, योग जीवात्मा और परमात्मा का मिलन है. योग अहंकार का विनाश करता है. जिस पल चित की वृत्तियां समाप्त हो जाएं, तब योग का एक कण प्रारंभ होता है. आपको बता दें कि विद्वानों का कहना है कि योग (International Yoga Day 2023) की मदद से कोई भी व्यक्ति ईश्वर को पा सकता है व अपने जीवन से समस्त नकारात्मकता दूर कर के सकारात्मकता का संचार ला सकता है.
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21 जून को ही क्यों मनाते हैं योग दिवस ?
पंचांग के अनुसार, 21 जून को उत्तरी गोलार्द्ध का सबसे लंबा दिन माना जाता है, जिसे ग्रीष्म संक्रांति कहते हैं. ग्रीष्म संक्रांति के बाद सूर्य दक्षिणायन होता है. दक्षिणायन होने पर सूर्य का तेज कम हो जाता है, जिससे वातावरण अशुद्ध हो जाता है, कीटाणु उत्पन्न होने लगते हैं, रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है. ऐसे में अध्यात्मिक सिद्धियों को प्राप्त करने और तन-मन को स्वस्थ रखने के लिए हर साल 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाते हैं. इसके साथ ही इस दिन सरकार से लेकर अन्य संगठनों द्वारा लोगों को योग के फायदों के बारे में बताकर उन्हें योग (International Yoga Day 2023 Date) करने के लिए प्रेरित किया जाता है, ताकि वे व उनका परिवार पूरी तरह से स्वस्थ रहें.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ओपोई इसकी पुष्टि नहीं करता है.)