Gandhi Jayanti Speech In Hindi: साल 2023 का अक्टूबर का महीना शुरु होने को है. इस महीने की शुरुआत में ही यानी की 2 अक्टूबर को गांधी जयंती मनाई जाती है. जैसा कि हम सभी जानते हैं कि भारत को आजादी दिलाने में अहम भूमिका निभाने वाले राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का जन्म 2 अक्टूबर को हुआ था. उनकी याद और सम्मान में देश के विभिन्न संस्थानों व कार्यालयों में कई तरह के कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है. जहां पर कई बार हमें इस दिन के विषय पर कोई भाषण देना होता है या फिर अपने विचारों को प्रस्तुत करने का अवसर मिलता है. ऐसे में अगर आप भी ऐसे ही किसी कार्यक्रम का हिस्सा होने वाले हैं और आप भी अपने विचार अपने भाषण के माध्यम से रखना चाहते हैं, तो हम आपको गांधी जयंती पर एक अच्छी स्पीच का आइडिया देने वाले हैं, जिसे आप बोलकर महफिल का दिल जीत सकते हैं.

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सबसे पहले मंच पर जाते ही कार्यक्रम में उपस्थित सभी लोगों को प्रणाम करें. इसके बाद आयोजक का शुक्रिया अदा करें और फिर अपनी बात की शुरुआत करें..आज गांधी जयंती के शुभ अवसर पर हम सभी मोहनदास करमचंद गांधी को श्रद्धांजलि देने के लिए एकत्र हुए हैं. 2 अक्टूबर, 2023 को राष्ट्रपिता गांधीजी की 154वीं जयंती के रूप में मना रहे हैं. महात्मा गांधी वह असाधारण व्यक्ति थे, जिन्होंने अहिंसा और सत्य की शक्ति से इतिहास की दिशा बदल दी थी. जब उन्होंने अपने विचारधारा से इस लड़ाई की शुरुआत की, तो बहुत सारे लोग उनके विचारधारा के विरोध में भी थे और उन्हें लग रहा था कि इस विचारधारा के साथ हम कभी नहीं जीत पाएंगे. लेकिन गांधी जी अपने मार्ग से नहीं भटके और निरंतर चलते रहे और संघर्ष करते रहे. जिसका परिणाम हमारे आपके सामने है. आज हम सब स्वतंत्र भारत में सांस ले रहे हैं. इसमें महात्मा गांधी जी का बहुत ही अहम रोल है.

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गांधी जयंती सिर्फ उत्सव का दिन नहीं बल्कि चिंतन का दिन है. यह हमें उन सिद्धांतों की याद दिलाता है जिनके लिए गांधीजी खड़े थे. उन्होंने शांति, अहिंसा, करुणा और सत्य की निरंतर खोज की. उनका जीवन इस विचार का प्रमाण था कि उत्पीड़न और अन्याय के खिलाफ भी अहिंसा के दम पर बदलाव किया जा सकता है. आज गांधी जी की विचारधारा की बहुत ही ज्यादा जरूरत है. आज के समय में समाज में कई तरह के बदलाव आए हैं. आज के लोगों में धैर्य नहीं है और कई बार वह अपने ऊपर से अपनी वाणी पर से अपना नियंत्रण खो देते हैं, जिसके फलस्वरूप आपस में टकराव बढ़ता है. ऐसे में मैं आप सभी से निवेदन करूंगा कि हम सभी को अपने घर से शुरुआत करनी चाहिए और अपने भाई बंधुओं बच्चों के अंदर गांधी जी की विचारधारा लाने का प्रयास करना चाहिए. ताकि उनके अंदर धैर्य हो और उनकी वाणी में इतनी मिठास हो कि वह समाज को तोड़ने का नहीं जोड़ने का काम करें.. अब मैं अपनी वाणी को विराम देता हूं. धन्यवाद..