Black Turmeric; हल्दी हर भारतीय घर में एक आम सामग्री है. इसका उपयोग न केवल खाना पकाने के लिए किया जाता है, बल्कि इसके औषधीय लाभों के लिए भी किया जाता है. लेकिन, यहां आश्चर्य की बात यह है कि हल्दी सिर्फ पीले रंग में ही नहीं पाई जाती है. बल्कि एक और प्रकार की हल्दी होती है, जिसे काली हल्दी (Black Turmeric) कहा जाता है. 

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इस प्रकार की हल्दी का रंग नीला होता है और यह सामान्य की तुलना में अपेक्षाकृत अधिक महंगी होती है. काली हल्दी एक शक्तिशाली एंटी-ऑक्सीडेंट है और इसका उपयोग कैंसर के इलाज के लिए भी किया जाता है. 

काली हल्दी के पौधे का वैज्ञानिक नाम कर्कुमा सीसिया (Curcuma caesia) है. इसके पौधे और पीली हल्दी के पौधे के बीच का प्रमुख अंतर काला मध्य शिरा है.

काली हल्दी के फायदे 

काली हल्दी सूजन, बुखार, जोड़ों का दर्द, त्वचा विकार, श्वसन संबंधी विकार, अपच, उल्टी, पेट में ऐंठन, खांसी आदि के मामले में औषधीय रूप से काम करती है.  उन्होंने आगे कहा कि काली हल्दी महिलाओं के लिए बेहद फायदेमंद है क्योंकि यह मासिक धर्म को नियमित करने में मदद करती है. सामग्री का उपयोग मूत्र रोग (urinary diseases) के इलाज के लिए भी किया जा सकता है.

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लुप्तप्राय औषधीय पौधे काली हल्दी की खेती करना बहुत मुश्किल है और इसकी उपज क्षमता कम है. काली हल्दी के जड़ के सबसे लोकप्रिय उपयोगों में से एक यह है कि इसे पीसकर पेस्ट बना लें और पेट दर्द और पेचिश सहित गैस्ट्रिक समस्याओं से पीड़ित व्यक्ति को इसका सेवन कराएं. गैस्ट्रिक तनाव से राहत पाने के लिए काली हल्दी पाउडर को पानी में मिलाकर सेवन किया जा सकता है.

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आम हल्दी की तरह काली हल्दी को भी रक्तस्राव को नियंत्रित करने और काटने या घाव और सांप के काटने के मामलों में त्वरित उपचार के लिए इस्तेमाल किया जाता है. काली हल्दी सूजन वाले टॉन्सिल से भी राहत दिला सकती है. काली हल्दी का पेस्ट जोड़ों के दर्द और अकड़न से राहत दिला सकता है.

नोटः ये जानकारी एक सामान्य सुझाव है. इसे किसी तरह के मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर न लें. आप इसके लिए अपने डॉक्टरों से सलाह जरूर लें.