चैत्र नवरात्रि (Chaitra Navratri 2022) की शुरुआत हो चुकी है. दो दिन बीच जाने के बाद लोगों में इस बात की उस्तुकता रहती है कि अष्टमी, नवमी और रामनवमी कब पड़ेगी. माता के भक्त इस दिन को 9 दिनों तक व्रत रखते हुए पूरा करते हैं. इस दौरान पूजा-पाठ, भजन-कीर्तन जैसी चीजें करते हैं और एक खास चीज नवरात्रि के समय किया जाता है वो है दुर्गा सप्तशती का पाठ जिसे नवरात्रि के दौरान किया जाता है. अष्टमी और नवमी के बाद रामनवमी का पर्व होता है लेकिन इसके लिए सटीक जानकारी होनी चाहिए.

यह भी पढ़ें: Chaitra Navratri 2022: इन 5 नियमों के साथ शुरू करें दुर्गा सप्तशती का पाठ

कब है अष्टमी, नवमी और रामनवमी?

चैत्र नवरात्रि में आखिरी तीन दिन अहम होते हैं. जिसमें अष्टमी, नवमी और रामनवमी आता है और ये तीनों दिन दुर्गा मां की पूरा के लिए जरूरी होते हैं. रामनवमी के दिन प्रभु श्री राम का जन्मोत्सव होता है. मगर इन तीनों दिनों के महत्व क्या हैं चलिए बताते हैं.

अष्टमी (Ashtami):

अष्टमी का पर्व

नवरात्रि का आठवां दिन अष्टमी कहलाता है. इस दिन कन्याओं का भोज कराया जाता है और उनकी पूजा भी होती है. इस दिन दुर्गा मां की पूजा, हवन और भोज कराया जाता है. ये 9 अप्रैल दिन शनिवार के दिन है.

नवमी (Navami):

Navmi

नवरात्रि का नवां दिन नवमी कहलाता है. इस दिन दुर्गा सप्तशती का पाठ समाप्त होता है. ऐसे में सप्तसी पुस्तक की पूजा करके घर में एक बार फिर हवन इत्यादि करना चाहिए. ये 10 अप्रैल दिन रविवार को ही है.

रामनवमी (Rama Navami):

रामनवमी

चैत्र नवरात्रि की नवमी को ही रामनवमी मनाया जाता है. इस साल 10 अप्रैल दिन रविवार को रामनवमी का पर्व है. शास्त्रों के मुताबिक, इस दिन भगवान श्री राम का जन्म हुआ था.

यह भी पढ़ें: Chaitra navratri 2022: कलावा बांधते समय भूलकर भी न करें ये गलतियां, हो जाएगा अनर्थ