Teachers Day 2023: भारत में हर साल 5 सितंबर के दिन टीचर्स डे यानी शिक्षक दिवस मनाया जाता है. ये खास दिन पूरे भारत में मनाते हैं जिसका सेलिब्रेशन स्कूलों, कोचिंग और दूसरे संस्थानों में होता है. सोशल मीडिया पर भी टीचर्स डे को लेकर खूब चर्चे रहते हैं और लोग अपने-अपने गुरुओं के साथ की तस्वीरें शेयर करते हैं. टीचर्स डे के दिन सभी छात्र अपने-अपने शिक्षकों को खास सम्मान देते हैं और उनके लिए स्पीच भी तैयार करते हैं. टीचर्स डे हमेशा 5 सितंबर को ही क्यों मनाया जाता है, ये सवाल बहुत से लोगों के मन में रहता है और सोशल मीडिया पर लोग ये सवाल भी करते हैं. यहां आपको इसका सटीक जवाब देंगे.

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5 सितंबर को ही क्यों मनाया जाता है टीचर्स डे? (Teachers Day 2023)

5 सितंबर 1888 को डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन (Dr. Sarvepalli Radhakrishnan) का जन्म एक साधारण तेलुगू ब्राह्मण परिवार में हुआ था. उन्होंने अपनी पूरी शिक्षा स्कॉलरशिप के माध्यम से पूरी की. उन्होंने फिलॉसफी में मास्टर डिग्री प्राप्त की और 1917 में ‘द फिलॉसफी ऑफ रवींद्रनाथ टैगोर’ पुस्तक लिखी. उन्होंने साल 1931 से 1936 तक आंध्र विश्वविद्यालय के कुलपति और साल 1939 में बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के कुलपति के रूप में मदन मोहन मालवीय की जगह पर काम किया था. डॉ राधाकृष्णन अपने जीवनकाल के दौरान एक मेधावी छात्र, छात्रों के बीच एक प्रसिद्ध शिक्षक थे.

Teachers Day 2023
हर साल 5 सितंबर 2023 को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है. (फोटो साभार: Twitter)

रिपोर्ट्स के मुताबिक, जब वे साल 1962 में भारत के दूसरे राष्ट्रपति के रूप में सेवा कर रहे थे, तब उनके छात्रों ने उनके जन्मदिन के अवसर पर शिक्षक दिवस मनाने की अनुमति सरकार से ली और काफी समय बाद उन्हें परमिशन मिल गई. डॉ राधाकृष्णन ने ये अनुमति दी कि उनका बर्थडे मनाने की बजाय समाज में शिक्षकों के योगदान को पहचानने के लिए 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाए. अपनी तमाम उपलब्धियों और योगदानों के बावजूद राधाकृष्णन जीवन भर शिक्षक रहे. शिक्षक दिवस भारत के पहले उपराष्ट्रपति की स्मृति का सम्मान करने और हमारे जीवन में शिक्षकों के महत्व को मनाने के लिए मनाया जाता है.

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