उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर सभी पार्टियां अपनी कमर कस ली है. जोड़ तोड़ और दल बदल के साथ गठबंधन की राजनीति चरम पर है. ज्यादा से ज्यादा विधानसभा सीटों पर जीतने के लिए सभी पार्टियां अपनी-अपनी रणनीति तैयार कर रही है. इस बीच समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने 2022 के यूपी विधानसभा चुनाव को लेकर बड़ा फैसला लिया है. उन्होंने ऐलान किया है कि वह आगामी यूपी का विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे. इस फैसले से उनके पार्टी के नेता और कार्यकर्ता भी सोच में हैं कि अखिलेश यादव ने ऐसा फैसला क्यों लिया है. वहीं, विपक्षी पार्टी इसे राजनीतिक मुद्दा बनाना चाहेगी.

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अखिलेश यादव का 2022 का यूपी विधानसभा चुनाव नहीं लड़ना एक बड़ी रणनीति का हिस्सा है. इस वजह से उन्होंने फैसला कर लिया है कि वह विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेगे.

दरअसल अखिलेश यादव मौजूदा समय में आजमगढ़ से सांसद हैं. आपको बता दें, यूपी में सपा ने 2019 में पांच लोकसभा सीटों पर ही जीत हासिल कर पायी थी. ऐसे में अखिलेश सांसद सीट को छोड़ना नहीं चाहते हैं. इसके पीछे कारण यह है कि Akhilesh Yadav खुद को किसी एक सीट से बांधकर नहीं रखना चाहते हैं. वे पूरे प्रदेश में पार्टी के लिए प्रचार करना चाहते हैं.

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वहीं, डिंपल यादव मौजूदा समय में किसी भी सीट से न तो विधायक हैं और न ही सांसद. 2019 में डिंपल यादव को कन्नौज सीट पर हार का सामना करना पड़ा था. लाजमी है कि वह 2022 के विधानसभा चुनाव में मैदान में उतरेंगी.

वहीं एक और बड़ा ऐलान करते हुए अखिलेश यादव ने कहा, चुनाव के लिए उनकी पार्टी और राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) के बीच गठबंधन को अंतिम रूप दे दिया गया है.

इसके साथ ही चुनाव में चाचा शिवपाल यादव की प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया (पीएसपीएल) को साथ लेने की संभावना पर अखिलेशय यादव ने कहा कि मुझे इसमें कोई समस्या नहीं है. उन्हें और उनके लोगों को उचित सम्मान दिया जाएगा.

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