कोरोना वायरस महामारी को लेकर कथित रूप से विश्व स्वास्थय संगठन (WHO) का एक बयान सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. जिसमें WHO ने पहले कोरोना वायरस को महामारी बताकर अब अपनी बात से यू-टर्न ले लिया है. ये बातें कही जा रही है. इसके साथ एक वीडियो वायरल हो रहा है कि जिसमें कुछ लोग कह रहे हैं कि कोरोना महामारी नहीं है.

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दावा किया जा रहा है कि, वीडियो में जो प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पदाधिकारी बोल रहे हैं वह WHO से जुड़े हैं. वीडियो के साथ एक मैसेज वायरल हो रहा है जिसमें लिखा है, WHO ने पूरी तरह से यू-टर्न ले लिया है. अब WHO का कहना है कि कोरोना रोगी को आईसोलेट या क्वारंटीन होने की जरूरत नहीं है. सोशल डिस्टेंसिंग की भी अब कोई जरूरत नहीं है। कोरोना एक मरीज से दूसरे मरीज को संक्रमित भी नहीं करता.

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क्या है सच?

इंटरनेट पर सर्च करने पर ऐसी कोई खबर नहीं मिलती है, जिसमें ये पुष्टि होती है कि WHO ने कोरोना को अब महामारी मानने से इंकार कर दिया है. WHO के ऑफिशियल वेबसाइट के होमपेज पर अभी भी कोविड-19 के नीचे महामारी लिखा है. वहीं, वेबसाइट पर आइसोलेशन और क्वारंटीन होने पर जोर दिया गया है. यानी वेबसाइट पर लिखी बातों से साफ होता है कि वायरल मैसेज में किया दावा गलत है, जिसमें कहा गया है WHO ने आइसोलेशन और क्वारंटीन को गैर जरूरी बताया है.

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इसके साथ ही वीडियो में एक महिला दिख रही है. उस महिला की फोटो को World Doctor Alliance की वेबसाइट पर दिखी. महिला का नाम Prof. Dolores Cahil है.

World Doctor Alliance की वेबसाइट से पता चलता है कि ये एक स्वतंत्र सगठन है जो WHO से मान्यता प्राप्त नहीं है.

इससे साफ है कि सोशल मीडिया पर जो WHO को लेकर दावा किया जा रहा है वह गलत है और कोरोना को लेकर भ्रम फैलाया जा रहा है.

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