प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ के 81वें एपिसोड में कार्यक्रम की शुरुआत विश्व नदी दिवस से की. उन्होंने नदियों के महत्व को बताया और भारत में नदियों की आस्था की भी चर्चा की. प्रधानमंत्री ने कहा कि एक दिन ऐसा है जो हम सबको याद रखना चाहिए और ये डे ऐसा है जो भारत की परम्पराओं से बहुत सुसंगत है. सदियों से जिस परम्पराओं से हम जुड़े हैं उससे जोड़ने वाला है. ये है ‘वर्ल्ड रिवर डे’ यानि ‘विश्व नदी दिवस’. प्रधानमंत्री ने साल में एक बार नदी उत्सव मनाने की अपील भी की.

आपको बता दें, पृथ्वी के जल स्रोतों का जश्न मनाने के लिए हर साल सितंबर के चौथे रविवार को विश्व रिवर दिवस का आयोजन किया जाता है. मानवता के भरण पोषण का समर्थन करने में उनकी अहम भूमिका का महत्व लोगों को बताया जाता है. उनको जागरुक किया जाता है कि धरती पर नदियां सामाजिक, आर्थिक और पर्यावरण का आधार हैं.

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भारत समेत कई सारे देशों में आज के दिन नदियों की रक्षा करने का संकल्प लिया जाता है. इस खास दिन की शुरुआत 2005 में संयुक्त राष्ट्र संघ के एक कार्यक्रम से हुई थी.

प्रधानमंत्री मोदी अपने कार्यक्रम में कहा, ”भारत में स्नान करते समय एक श्लोक बोलने की परंपरा रही है ‘गंगे च यमुने चैव गोदावरी सरस्वति. नर्मदे सिन्धु कावेरी जले अस्मिन् सन्निधिं कुरु ॥’ पहले हमारे घरों में परिवार के बड़े ये श्लोक बच्चों को याद करवाते थे और इससे हमारे देश में नदियों को लेकर आस्था भी पैदा होती थी. विशाल भारत का एक मानचित्र मन में अंकित हो जाता था. नदियों के प्रति जुड़ाव बनता था. जिस नदी को माँ के रूप में हम जानते हैं, देखते हैं, जीते हैं उस नदी के प्रति एक आस्था का भाव पैदा होता था, एक संस्कार प्रक्रिया थी.”

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विश्न नदी दिवस मनाने के लिए इस दिन आप दुनिया के किसी भी हिस्से में हों, आप कुछ उपाय इस अहम दिवस को मनाने के लिए कर सकते हैं. नदी की सफाई के लिए कैंप आयोजित करें, मछलियों को बढ़ाने वाले प्रोजेक्ट का बढ़ावा दें या बच्चों शिक्षित करने के लिए सैर पर ले जाएं या छोटी पार्टी का आयोजन करें और नदियों को बचाने के महत्व को बताएं.

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