Budget 2023: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज 1 फरवरी को देश का आम बजट 2023 (Budegt 2023) ससंद में पेश कर रही हैं. वित्त मंत्री के रूप में कार्य करते हुए ये उनका लगातार पांचवां बजट है. बजट के दौरान सरकार द्वारा कई नई योजनाओं की घोषणा की जाती है और इसके साथ ही लगभग हर क्षेत्र के लिए बड़े बजट का आवंटन किया जाता है. लेकिन क्या आपको पता है कि सरकार के पास यह पैसा कहां से आता है और कहां खर्च होता है. पिछले वित्त वर्ष 2022-23 के बजट का आकार 39.45 लाख करोड़ रुपए था और इस बार भी देश का आम बजट करीब 40 लाख करोड़ रुपए होने जा रहा है. तो आइए जानते हैं सरकार के कमाई और खर्च करने के पूरे प्रोसेस के बारे में.

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सरकार के लिए राजस्व का स्रोत (Budget 2023)

सबसे पहले बात करेंगे की सरकार के पास पैसा कहां से आता है? सरकारी आंकड़ों के मुताबिक आपको बता दें कि सरकार द्वारा मुहैया कराए गए बजट 2022 की कॉपी में पूरी जानकारी दी गई थी. इसके मुताबिक आमतौर पर लोग जानते हैं कि सरकार की कमाई टैक्स और रेवेन्यू से होती है. अधिकांश पैसा उधार और अन्य देनदारियों से आता है, इसके बाद जीएसटी और अन्य कर आते हैं. सरकार की कमाई का 35 फीसदी कर्ज और अन्य देनदारियों से आता है.

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यहां से करती है सरकार कमाई (Budget 2023)

उधार-देनदारी: 35 प्रतिशत
जीएसटी: 16 प्रतिशत
कॉर्पोरेशन टैक्स: 15 प्रतिशत
आयकर: 15 प्रतिशत
केंद्रीय उत्पाद शुल्क: 7 प्रतिशत
सीमा शुल्क: 5 प्रतिशत
गैर-कर राजस्व: 5 प्रतिशत
ऋण के अलावा अन्य पूंजीगत लाभ: 2 प्रतिशत

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बजट का बड़ा हिस्सा ब्याज चुकाने में खर्च होता है

सरकार इन संसाधनों से अर्जित धन को बजट में लोक कल्याणकारी योजनाओं और अन्य मदों पर खर्च करती है. अर्थशास्त्री की मदद से एक रूपरेखा तैयार की जाती है कि किस सेक्टर और किस मंत्रालय को कितने फंड की जरूरत है. इसके बाद विभिन्न क्षेत्रों के लिए बजट आवंटन की घोषणा की जाती है. सबसे ज्यादा खर्च की बात करें तो सबसे ज्यादा रकम ब्याज चुकाने में खर्च होती है, जो करीब 20 फीसदी होती है.

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इस तरह सरकारी पैसा खर्च किया जाता है

ब्याज चुकाने में: 20 प्रतिशत
करों और शुल्कों में राज्यों की हिस्सेदारी: 17 प्रतिशत
केंद्रीय क्षेत्र योजना: 15 प्रतिशत
केंद्र प्रायोजित योजना: 9 प्रतिशत
वित्त आयोग और अन्य स्थानान्तरण – 10 प्रतिशत
वित्त आयोग और अन्य – 10 प्रतिशत
सब्सिडी: 8 प्रतिशत
रक्षा – 8 प्रतिशत
पेंशन: 4 फीसदी