First Budget of Independent India: भारत की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज 1 फरवरी को वित्त वर्ष 2023-24 का आम बजट पेश करेंगी. इसके लिए वित्तीय विभाग ने तैयारी पूरी कर ली है. हर साल पेश होने वाले बजट का देश की आम जनता पर काफी प्रभाव पड़ता है. आज हम आपको भारत के बजट (First Budget of Independent India) के इतिहास के बारे में कुछ दिलचस्प बातें बताने जा रहे हैं.

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स्वतंत्र भारत का पहला बजट (First Budget of Independent India)

स्वतंत्र भारत के पहले वित्त मंत्री आरके शनमुखम चेट्टी ने 26 नवंबर 1947 को देश के लिए पहला बजट पेश किया था. भारत को ब्रिटिश शासन से आजादी मिलने के कुछ महीने बाद उन्होंने संसद में बजट पेश किया था. बजट में कुल राजस्व 171.15 करोड़ रुपये और राजकोषीय घाटा 24.59 करोड़ रुपये के करीब था.

शनमुखम चेट्टी ने वकील, अर्थशास्त्री, उद्योगपति और राजनीतिज्ञ की भूमिका संभालने से पहले 1933 से 1935 तक भारत की केंद्रीय विधान सभा के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया था. उन्होंने भारत के पहले वित्त मंत्री के रूप में 1947 से लेकर 1948 तक काम किया था.

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कौन थे आजाद भारत के पहले वित्त मंत्री

17 अक्टूबर 1892 को कोयम्बटूर में जन्मे चेट्टी एक पढ़े-लिखे व्यक्ति थे, जिन्होंने मद्रास क्रिश्चियन कॉलेज में अर्थशास्त्र का अध्ययन किया और मद्रास लॉ कॉलेज से कानून में स्नातक किया. उन्होंने अपनी शिक्षा पूरी करने के बाद राजनीति में प्रवेश किया और भारतीय राष्ट्रवादी स्वराज पार्टी और जस्टिस पार्टी दोनों में सेवा की. वह 1935 से 1941 तक कोचीन साम्राज्य के दीवान भी रहे.

भारत के पहले प्रधानमंत्री, जवाहरलाल नेहरू ने 1947 में भारत की स्वतंत्रता के बाद चेट्टी को अपने वित्त मंत्री के रूप में चुना. 5 मई 1953 को चेट्टी का निधन हो गया.

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पहले बजट की खास बातें

देश के पहले बजट को लेकर कई तरह की चर्चाएं होती रही हैं. आपको बता दें कि पहले बजट में टैक्स का कोई प्रस्ताव नहीं था. पहले बजट में केवल 15 अगस्त 1947 से 31 मार्च 1948 तक यानी लगभग साढ़े 7 महीने की अवधि को कवर किया गया था. वित्त मंत्री आरके आरके शनमुखम चेट्टी ने 1948-49 के बजट में पहली बार अंतरिम शब्द का इस्तेमाल किया था. तब से, अंतरिम बजट शब्द का प्रयोग अल्पावधि बजट के लिए किया जाने लगा.