देश में 1 जुलाई से सिंगल यूज प्लास्टिक (Single Use Plastic) के प्रयोग पर पूरी तरह से रोक लग गई है. भारत सरकार ने 1 जुलाई 2022 से सिंगल यूज प्लास्टिक बैन की घोषणा की है. इसकी मुहिम खुद पीएम मोदी ने लाल किले की प्राचीर से छेड़ी थी. आपको जानकारी के लिए बता दें कि प्रॉडक्शन, स्टॉक, आयात, डिस्ट्रीब्यूशन, इस्तेमाल और बिक्री पर रोक लगा दी गई है. सरकार के इस फैसले से कोका कोला, डाबर, मदर डेयरी और अमूल जैसी दिग्गज कंपनियों को झटका लगा है.

यह भी पढ़ें: LPG Cylinder Price: एलपीजी की कीमत में भारी कटौती, 198 रुपये सस्ता हुआ

हिंदुस्तान न्यूज़ के अनुसार, भारत सरकार ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को किसी भी प्रतिबंधित एसयूपी चीज की अंतरराज्यीय आवाजाही को रोकने के मद्देनजर सीमा चौकियां स्थापित करने का भी नोटिस दिया गया है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने लोगों की साहयता लेने के लिए एक शिकायत निवारण ऐप भी शुरू किया है. 

यह भी पढ़ें: महंगाई में बिजली बिल से आप भी हैं परेशान, इस उपाय से खत्म करें टेंशन

ये वस्तुएं की गई है बैन

प्लास्टिक कैरी बैग

कैंडी स्टिक, आइस्क्रीम स्टीक

प्लास्टिक स्टिक वाले ईयर बड्स

गुब्बारे के लिए प्लास्टिक स्टिक

प्लास्टिक के झंडे

प्लास्टिक की प्लेट

प्लास्टिक के कप

थर्माकोल (पॉलिस्ट्रीन)

प्लास्टिक के कांट

प्लास्टिक के गिलास

प्लास्टिक के चम्मच

चाकू

स्ट्रॉ

इन्विटेशन कार्ड

सिगरेट के पैकेट

प्लास्टिक ट्रे

मिठाई के डिब्बों को रैप या पैक करने वाले फिल्म

100 माइक्रोन से कम के प्लास्टिक या पीवीसे बैनर

स्टिरर (चीनी आदि मिलाने वाली चीज)

यह भी पढ़ें: भारतीय रेलवे ने यात्रियों को दी बड़ी राहत, जनरल टिकट की सुविधा फिर से शुरू

7 साल की सजा का है प्रावधान

पर्यावरण मंत्रालय के अनुसार सिंगल यूज प्लास्टिक से बनी चीजें एन्वार्यमेंट प्रोटेक्शन एक्ट (Environment Protection Act) के तहत प्रतिबंधित की गई है. 1 जुलाई के बाद इन चीजों का इस्तेमाल करने पर इस एक्ट की धारा 15 के तहत 7 साल तक की कैद या/और 1 लाख रुपये तक का जुर्माना देना पड़ सकता है.

यह भी पढ़ें: पुरानी कंपनी की PF बैलेंस को घर बैठे आसानी से करें ट्रांसफर, आसान है तरीका

पर्यावरण की सुरक्षा के लिए उठाया गया कदम

सिंगल यूज प्लास्टिक का मतलब होता है, प्लास्टिक से बनी ऐसी चीजें जिनका हम सिर्फ एक ही बार इस्तेमाल कर सकते हैं या फिर इस्तेमाल कर फेंक देते हैं. इन चीजे ना तो डीकम्पोज होती है और ना ही इन्हें जलाना सही है. इनसे पर्यावरण को बहुत नुकसान पहुंचता है. संयुक्त राष्ट्र (United Nations) का अनुमान है कि दुनियाभर में हर साल 40 करोड़ टन प्लास्टिक कचरा पैदा होता है.