World Environment Day Essay: हर साल 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस के रूप में मनाया (World Environment Day 2023) जाता है. इसे पहली बार संयुक्त राष्ट्र संघ के तत्वाधान में स्वीडन की राजधानी स्टॉकहोम साल 1972 में मनाया गया था. इस दिन को प्रकृति के संरक्षण के लिए कार्रवाई के लिए एक मंच बनाने और पर्यावरण की रक्षा की आवश्यकता के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए मनाया जाता है. इस दिन कॉलेजों, स्कूल समेत कई जगहों पर कई तरह की निंबध प्रतियोगिताओं या फिर विभिन्न क्विजों का आयोजन किया जाता है, ऐसे में आज हम आपको पर्यावरण दिवस (World Environment Day Essay) पर निबंध के बारे में बताने वाले हैं, जिसे अगर कहीं पर लिख दें तो पढ़ने वाला आपका फैन हो जाएगा.

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विश्व पर्यावरण दिवस 2023 पर निबंध

पर्यावरण शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है, परि और आवरण जिसमें परि का मतलब है, हमारे आसपास या कह लें कि जो हमारे चारों ओर है. वहीं ‘आवरण’ का मतलब है जो हमें चारों ओर से घेरे हुए है. पर्यावरण जलवायु, स्वच्छता, प्रदूषण तथा वृक्ष का सभी को मिलाकर बनता है, और ये सभी चीजें यानी कि पर्यावरण (World Environment Day 2023) हमारे दैनिक जीवन से सीधा संबंध रखता है और उसे प्रभावित करता है. पर्यावरण का हमारे जीवन में बहुत ही अहम रोल होता है. लेकिन दिन पर दिन हमारा पर्यावरण प्रदूषित होता जा रहा है.

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मानव और पर्यावरण एक-दूसरे के पूरक माने गए हैं. पर्यावरण जैसे जलवायु प्रदूषण या वृक्षों का कम होना मानव शरीर और स्वास्थय को बुरी तरह से प्रभावित करता है. मानव की अच्छी-बुरी आदतें जैसे वृक्षों को लगाना व उनकी रक्षा करना, जलवायु प्रदूषण रोकना, स्वच्छता रखना भी पर्यावरण (World Environment Day Essay) के लिए अच्छा बुरा साबित होता है. मानव की बुरी आदतें जैसे पानी दूषित करना, बर्बाद करना, वृक्षों की अत्यधिक मात्रा में कटाई करना आदि पर्यावरण को बुरी तरह से क्षति पहुंचाती हैं. इसके फलस्वरूप इंसान को बहुत सी प्राकर्तिक आपदाओं का सामना करना पड़ता है. इसलिए हम सभी को पर्यावरण की रक्षा करनी होगी व इसके साथ ही लोगों को इसके लिए जागरूक करना होगा, ताकि हमारा भविष्य सुरक्षित हो सके.

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पर्यावरण दिवस (World Environment Day Essay) को क्षति होने से होने वाले दुष्प्रभावों के बारे में लोगों को जागरूक करना बहुत जरूरी हो गया है, क्योंकि वर्तमान में इंसान लालच के कारण इतना अंधा हो गया है कि उसे यह समझ नहीं आ रहा है कि वह आज धन के लोभ में आकर जो कर रहा है, वह कल उसकी ही मौत का कारण बन जाएगा. इसलिए हम सभी को मिलकर कोशिश यही करनी है कि हर किसी को जागरूक करें व पर्यावरण को और बढ़ावा दे सकें. इसी में मनुष्य की भलाई है.