कांग्रेस के पूर्व नेता गुलाम नबी आजाद (Ghulam Nabi Azad) ने सोमवार (26 सितंबर) को जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में अपनी नई पार्टी के नाम की घोषणा की. उन्होंने अपनी पार्टी का नाम ‘डेमोक्रेटिक आजाद पार्टी’ (Democratic Azad Party) रखा है. आजाद कांग्रेस के कद्दावर नेता थे लेकिन 26 अगस्त 2022 को उन्होंने पार्टी की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था. 

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पार्टी के नाम की घोषणा करते हुए उन्होंने कहा, “सरसों का रंग रचनात्मकता और विविधता में एकता को दर्शाता है, सफेद शांति को दर्शाता है और नीला स्वतंत्रता, खुली जगह, कल्पना और समुद्र की गहराई से आकाश की ऊंचाइयों तक की सीमाओं को दर्शाता है.” गुलाम नबी ने कहा कि उनकी पार्टी किसी भी पार्टी या नेता से प्रभावित नहीं होगी और आज़ाद रहेगी.  

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बता दें कि गुलाम नबी आजाद के समर्थन में जम्मू-कश्मीर के कई कांग्रेस नेताओं ने भी पार्टी की मूल सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था. कांग्रेस के साथ अपने पांच दशक लंबे रिश्ते को खत्म करते हुए गुलाम नबी आजाद ने यह भी दावा किया था कि उनके साथ सैकड़ों वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं, पंचायती राज संस्था के सदस्यों और प्रमुख कार्यकर्ताओं ने इस्तीफा दे दिया है. 26 अगस्त को अपने इस्तीफे के कुछ घंटों बाद आजाद ने कहा था कि वह जल्द ही एक नई पार्टी शुरू करेंगे और इसकी पहली इकाई जम्मू-कश्मीर में स्थापित की जाएगी.

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सोनिया गांधी को इस्तीफे वाली चिट्ठी में क्या लिखा था 

गुलाम नबी आजाद ने सोनिया गांधी को 5 पन्ने की इस्तीफे की चिट्ठी लिखी थी. जिसमें उन्होंने कई चीजों पर सवाल उठाए थे. आजाद ने पिछले कुछ सालों की बात भी कही जिसमें राहुल गांधी को लेकर उन्होंने कहा था- जनवरी 2013 में राहुल गांधी को आपके द्वारा कांग्रेस उपाध्यक्ष बनाया गया, उसके बाद पार्टी में मौजूद सलाह-मशविरे के सिस्टम को उन्होंने खत्म कर दिया. सभी वरिष्ठ और अनुभवी नेताओं को साइडलाइन कर दिया गया और बिना अनुभव वाले चाटुकारों की मंडली पार्टी को चलाने लगी.

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गुलाम नबी आजाद ने पत्र में लिखा था कि यूपीए सरकार की संस्थागत अखंडता को ध्वस्त करने वाला ‘रिमोट कंट्रोल मॉडल’ अब कांग्रेस पार्टी में भी लागू हो गया है. सारे अहम फैसले राहुल गांधी या और भी बदतर उनके सुरक्षा गार्ड और पर्सनल असिस्टेंट द्वारा लिए जा रहे हैं.