विश्व हिंदू परिषद (VHP) के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल (Vinod Bansal) ने रविवार को दावा किया हैं कि कुतुब मीनार पहले एक ‘विष्णु स्तंभ’ था. इसको बाद में कुछ हिस्सों का एक मुस्लिम शासक द्वारा पुनर्निर्माण किया गया और इसका नाम बदलकर कुव्वत-उल-इस्लाम रखा गया.

उन्होंने दावा किया कि 73 मीटर ऊंची संरचना भगवान विष्णु के मंदिर पर बनाई गई थी और उक्त मंदिर को एक हिंदू शासक के समय में निर्मित किया गया था.

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उन्होंने कहा कि 27 जैन-मंदिरों को तोड़कर प्राप्त सामग्री से स्मारक का निर्माण कराया था. साथ ही हिन्दू समुदाय को परेशान करने के लिए इसका निर्माण किया गया. विनोद बंसल ने दावा किया कि मुस्लिम शासकों ने कुछ ऊपरी मंजिलों के पुनर्निर्माण के कई प्रयास किए, जिन्हें तोडा गया था.लेकिन वे ऐसा नहीं कर सके.

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उन्होंने दावा किया कि कुतुब मीनार की पहली तीन मंजिलों की संरचना और ऊपर की ओर शेष मंजिलों की संरचना में स्पष्ट अंतर देखा जा सकता है. उनके द्वारा इन मंजिलों अधिरोपित किया गया था. क्योंकि वे इस्लाम धर्म के प्रभुत्व का प्रदर्शन करना चाहते थे. विहिप के राष्ट्रीय प्रवक्ता बसंल ने दावा किया कि यह वास्तव में विष्णु मंदिर पर बना एक विष्णु स्तंभ था. मुस्लिम शासकों ने इसे नहीं बनाया था. हमारे हिंदू शासकों ने इसे बनाया था.

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विश्व हिंदू परिषद ने शनिवार को मांग की थी कि सरकार कुतुब मीनार परिसर में प्राचीन मंदिरों का पुनर्निर्माण करे. साथ ही हिंदू रीति-रिवाजों और प्रार्थनाओं को फिर से शुरू करने की परमिशन दें.

बंसल समेत विहिप नेताओं के एक समूह ने कुतुब मीनार के परिसर का दौरा किया, जिसे वर्ष 1993 में यूनेस्कोकी तरफ से विश्व धरोहर स्थल के रूप में नामित किया गया था. राष्ट्रीय स्मारक प्राधिकरण (National Monuments Authority) के अध्यक्ष और बीजेपी के नेता तरुण विजय ने बृहस्पतिवार को कहा था कि स्मारक परिसर में ‘‘अपमानजनक” तरीके से रखी गई गणेश मूर्तियों को या तो हटा दिया जाना चाहिए या उन्हें ‘‘सम्मानपूर्वक” स्थापित किया जाना चाहिए.

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बंसल ने कहा कि एएसआई के सामने तरुण विजय जी ने इस मामले को उठाया है हमें उम्मीद है कि सरकार और उसके संबंधित विभाग इस मुद्दे पर चर्चा करेंगे. इस मामले पर विहिप की भविष्य की कार्रवाई के बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि इस मुद्दे पर वरिष्ठ नेता चर्चा करेंगे और यदि आवश्यकता हुई तो कानूनी कार्रवाई करने पर भी चर्चा कर सकते हैं.

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