गुजरात में अगले साल यानी 2022 में विधानसभा चुनाव होने हैं और इससे ठीक पहले प्रदेश में मुख्यमंत्री बदल दिया गया है. अब तक सरकार को संभाल रहे विजय रुपाणी भूतपूर्व सीएम हो गए हैं और भूपेंद्र रजनीकांत पटेल (Bhupendra Patel) वर्तमान सीएम होंगे. विजय रुपाणी और भूपेंद्र पटेल के साथ एक जैसी स्थिति है. रुपाणी भी 2017 के चुनाव से ठीक पहले सीएम बनाए गए थे. अब 2022 के चुनाव से ठीक पहले भूपेंद्र पटेल को ये जिम्मेदारी सौंपी गई है. ऐसे में भूपेंद्र पटेल के सामने बड़ी और नई चुनौती है.

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भूपेंद्र पटेल के सामने क्या हैं 5 बड़ी चुनौती

1. सियासी गलियारों जिस तरह की बातें चल रही है उससे साफ है कि विजय रुपाणी को इसलिए हटाया गया कि वह राज्य में एक बड़ा चेहरा नहीं बन पाए. अपने कार्यकाल में वह बिना ज्यादा कुछ बोले और लाइम लाइट से दूर अपना काम करते रहे ऐसे में बीजेपी को अगले चुनाव की चिंता सता रही थी. ऐसे में अब जिम्मेदारी भूपेंद्र पटेल के कंधों पर दी गई है. तो साफ है कि भूपेंद्र के सामने यही बड़ी चुनौती होगी की वह कैसे एक बड़ा चेहरा बनें. जिससे 2022 में बीजेपी की नाव को आसानी से पार कराया जा सके.

2. भूपेंद्र पटेल के सामने एक और चुनौती होगी वह है पार्टी और सरकार के बीच समन्यव्य बैठाने की यानी दोनों के बीच तालमेल अच्छा रखना बेहद जरूरी है. क्योंकि विजय रुपाणी और प्रदेश में पार्टी नेताओं के साथ इसकी कमी देखी गई थी. रुपाणी और प्रदेश के अध्यक्ष सीआर पटेल के बीच ये कड़ी कमजोर दिख रही थी.

3. भूपेंद्र पटेल को अपना रिपोर्ट कार्ड भी साफ रखना होगा. वैसे तो भूपेंद्र पटेल एक साफ सुथरी राजनीति से आए हैं उनके नाम पर ऐसा कोई दाग नहीं है कि जिससे विपक्ष उनपर हावी हो सके. लेकिन चुनाव से पहले उनको एक ऐसा रिपोर्ट कार्ड तैयार करना होगा. जिसे 2022 के चुनाव में जनता के सामने प्रस्तुत किया जा सके.

4. भूपेंद्र पटेल के सामने समय की कमी भी एक बड़ी चुनौती है. क्योंकि गुजरात में 2022 के शुरुआत में ही नई सरकार का गठन होना है और ऐसे में 2021 के अंत में ही गुजरात के चुनाव होंगे. ऐसे में भूपेंद्र पटेल को खुद को साबित करने के लिए महज 6 महीने ही बचें हैं. इसमें उन्हें सरकार से लेकर संगठन के लिए कुछ कर दिखाने की चुनौती होगी.

5. कोरोना भी भूपेंद्र पटेल के सामने एक बड़ी चुनौती बनकर खड़ी होगी. क्योंकि विजय रुपाणी की सरकार पर कोरोना महामारी में फेल होने का दाग लगाया गया है. ऐसे में जब देश में कोरोना के तीसरे लहर की बात हो रही है तो भूपेंद्र पटेल को इसके लिए पूरी तैयारी रखनी होगी, जिससे जनता का विश्वास जीता जा सके.

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