बिहार और उत्तर प्रदेश में गंगा और यमुना में संदिग्ध कोविड मरीजों के शव मिलने के बाद लोगों में दहशत का माहौल है. गंगा में कोविड शव मिलने के बाद लोगों को भय सता रहा है कि नदी के माध्यम से कोरोना तेजी से फ़ैल सकता है. हालांकि एक्सपर्ट्स का कहना है कि शवों को नदियों में फेंकने से कोरोना के फैलने पर ज्यादा असर नहीं पड़ने वाला है.

बता दें कि गंगा और यमुना कई गांवों में पेयजल का मुख्य स्रोत है. इसके अलावा यह कई नदियों और जलाशयों के लिए जलस्रोत का काम करती है.

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IIT कानपुर में प्रोफेसर सतीश तारे ने कहा कि गंगा या इसकी सहायक नदियों में शवों को प्रवाहित करने का मामला गंभीर है, खासकर ऐसे समय में जब देश कोरोना वायरस महामारी के संकट से जूझ रहा है. प्रोफेसर ने कहा कि शवों को नदियों में फेंकने का संचरण पर ज्यादा असर नहीं पड़ने वाला है.

तारे ने कहा कि गंगा या इसकी सहायक नदियों में शवों को प्रवाहित करने का मामला नया नहीं है, लेकिन पिछले 10-15 वर्षों में इसमें काफी कमी आई थी. उन्होंने कहा कि शवों को नदियों में फेंकने से नदियां मुख्यत: प्रदूषित होती हैं. उन्होंने कहा, “अगर कोविड-19 के संदिग्ध रोगियों के शव बाहर भी निकाले जाते हैं तो काफी कुछ घुल चुका होता है (जल में प्रवाह के दौरान). प्रभाव ज्यादा नहीं हो सकता है.”

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पर्यावरण इंजीनियरिंग, जल गुणवत्ता और दूषित जल शोधन विषय पढ़ाने वाले तारे ने कहा, “अगर यह जल जलापूर्ति के लिए भी जाता है तो यह जल आपूर्ति प्रणाली से जाता है. साधारण शोधन से काम चल जाता है.” 

बता दें कि बिहार सरकार ने बक्सर जिले में मंगलवार को गंगा नदी से 71 शव बाहर निकाले, जहां वे नदी में तैरते मिले थे. इसके बाद इस बात का संदेह उत्पन्न हो गया कि ये शव कोविड-19 मरीजों के हो सकते हैं. इसी तरह उत्तर प्रदेश के बलिया के लोगों ने कहा कि उजियार, कुल्हड़िया और भरौली घाटों पर उन्होंने कम से कम 45 शव देखे. बहरहाल, जिला अधिकारियों ने शवों की निश्चित संख्या नहीं बताई.

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हमीरपुर जिले के निवासियों ने सोमवार को यमुना में पांच शव बहते देखे, जिससे भय पैदा हो गया कि ये कोविड-19 मरीजों के शव हो सकते हैं. बाद में शवों को बाहर निकालकर उनका अंतिम संस्कार किया गया.

प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार के. विजय राघवन ने कहा कि इस तरह के माध्यम से संचरण चिंता की बात नहीं है. उन्होंने कहा, “मुख्य रूप से संचरण लोगों के बातचीत करने या जब दो लोग एक-दूसरे के नजदीक हों तब होता है और अगर कोई बूंद किसी सतह पर गिरती है और दूसरा व्यक्ति इसके संपर्क में आता है तो यह जल के माध्यम से फैल सकता है.”

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