पूर्व भारतीय कोच रवि शास्त्री मानते हैं कि टी20 क्रिकेट इंटरनेशनल टीमों के बीच द्विपक्षीय श्रृंखलाओं के लिये नहीं है बल्कि इसे सिर्फ विश्व कप (World Cup) तक ही सीमित रखा जाना चाहिए. शास्त्री की यह टिप्पणी भारत की दक्षिण अफ्रीका (South Africa) के खिलाफ पांच मैचों की टी20 श्रृंखला से पहले आयी है. भारत के सबसे सफल कोचों में से एक शास्त्री को यह भी लगता है कि खेल प्रेमियों के उत्साह को देखते हुए जहां तक छोटे प्रारूप की बात है तो सबसे अच्छा तरीका फ्रेंचाइजी क्रिकेट के साथ दो साल में टी20 विश्व कप (T20 World Cup) होगा.

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शास्त्री ने ‘ईएसपीएनक्रिकइंफो’ से कहा, ”टी20 में काफी द्विपक्षीय क्रिकेट हो रहा है. मैंने यह पहले भी कहा है, यहां तक कि जब मैं भारतीय टीम का कोच था तब भी. यह मेरे सामने हो रहा था.”

उन्होंने कहा, ”यह ‘टी20 क्रिकेट’ फुटबॉल की तरह से होना चाहिए जहां, आप सिर्फ विश्व कप खेलते हो. द्विपक्षीय टूर्नामेंट को कोई याद नहीं रखता.”

भारतीय कोच के तौर पर शास्त्री का कार्यकाल पिछले साल खत्म हुआ था. उन्होंने कहा कि उन्हें ”भारतीय कोच के तौर पर पिछले छह-सात के कार्यकाल के दौरान विश्व कप को छोड़कर एक भी टी20 मैच याद नहीं है.”

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उन्होंने कहा, ”एक टीम विश्व कप जीतती है, वे इसे याद रखती हैं. दुर्भाग्य से हम नहीं, इसलिये मुझे यह भी याद नहीं.”

शास्त्री ने कहा, ”दुनिया भर में फ्रेंचाइजी क्रिकेट खेला जा रहा है, प्रत्येक देश को अपना फ्रेंचाइजी क्रिकेट खेलने की अनुमति है, जो उनका घरेलू क्रिकेट है और फिर प्रत्येक दो वर्ष में आप एक विश्व कप (टी20) खेलो.”

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इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) के अगले पांच साल के चक्र के मीडिया एवं प्रसारण अधिकार जून में बिकेंगे. आईपीएल के भविष्य पर बात करते हुए पूर्व भारतीय सलामी बल्लेबाज आकाश चोपड़ा ने कहा, ”मुझे लगता है कि भविष्य में प्रत्येक कैलेंडर वर्ष में आईपीएल के दो चरण हो सकते हैं. और यह भी ज्यादा दूर की बात नहीं है.”

शास्त्री ने भी चोपड़ा से सहमति जतायी. उन्होंने कहा, ”यह भविष्य है. ” उन्होंने कहा, ”आगे यह हो सकता है. 140 मैचों को 70-70 में बांट दिया जाये, दो सत्र में. आप कुछ नहीं कह सकते.”

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उन्होंने कहा, ”आप सोच सकते हो कि यह ‘अत्यधिक’ है लेकिन भारत में कुछ भी ‘ओवरडोज’ नहीं है. मैं बायो-बबल के बाहर लोगों को देख चुका हूं, कोविड-19 से बाहर आने के बाद पिछले कुछ महीनों में लोगों ने किस तरह इसकी समीक्षा की है और वे इसके हर पल का लुत्फ उठा रहे हैं और इसके खत्म होने पर उन्हें निराशा भी हो रही है.