दिल्ली सरकार आगामा त्योहारों के लिए लगातार अहम फैसला ले रही है. कोरोना वायरस महामारी को ध्यान में रखते हुए दिल्ली सरकार पहले से एहतियात बरत रही है. हाल ही में दिल्ली सरकार ने दिवाली में पटाखों को बैन करने का फैसला किया है अब इसी कड़ी में सार्वजनिक रूप से छठ पूजा पर बैन लगा दिया है. यानी सार्वजनिक तौर पर छठ पूजा का आयोजन नहीं किया जा सकेगा. त्योहारों को लेकर DDMA ने नई गाइडलाइन जारी की है. ये 15 नवंबर से प्रभावी होंगी.

पीटीआई के मुताबिक, दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (DDMA) ने अपने ऑर्डर में कहा है कि, छठ पूजा के लिए मेले का आयोजन करने का छूट नहीं दिया जाएगा. साथ ही सार्वजनिक रूप से छठ पूजा का भी आयोजन नहीं किया जा सकेगा. कोरोना महामारी की वजह से पिछले साल 2020 में भी छठ पूजा घर पर ही मनाने की अपील की गई थी.

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इससे पहले भी गणेश उत्सव के लिए और विर्सजन के लिए दिल्ली में छूट नहीं दी गई थी. उस वक्त भी सभी सार्वजनिक कार्यक्रमों पर रोक लगाया गया था.

गौरतलब है कि दिवाली के तुरंत 6 दिन बाद छठ पूजा शुरू हो जाती है. इस बार छठ पूजा का त्योहार 8 नवंबर से शुरू होगा. छठ पूजा का काफी महत्व है और इसकी पूजा चार दिनों तक होती है.

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त्योहारों के लिए क्या है DDMA की गाइडलाइन

DDMA ने केवल छठ ही नहीं आगामी सभी त्योहारों के लिए गाइडलाइन जारी की है. इसमें कहा गया है कि, फेस्टिव सीजन के दौरान दिल्ली में मेला, फूड स्टाल, झूले, रैली आदि की इजाजत नहीं है. छठ पूजा के लिए लिखा गया है कि सार्वजनिक जगहों, पब्लिक ग्राउंड, नदी के किनारों, मंदिरों आदि में छठ पूजा नहीं की जा सकेगी. कोई भी त्योहार से संबंधित इवेंट करने के लिए इलाके के DM से इजाज़त लेना जरूरी होगा.  ऐसे सभी इवेंट का डाटा डिस्ट्रिक्ट मैजिस्ट्रेट अपने पास रखेंगे और पूरी दिल्ली का डाटा डिविजनल कमिश्नर के पास रहेगा. रामलीला/पूजा पंडाल के लिए डिस्ट्रिक्ट मैजिस्ट्रेट एक नोडल ऑफिसर नियुक्त करेंगे.

वहीं, त्योहारों के दौरान किसी भी त्योहार वाले इवेंट में कोई भी व्यक्ति खड़ा हुआ या जमीन पर बैठा हुआ नहीं होगा. केवल कुर्सी पर बैठना होगा और दूरी के नियम का पालन करना होगा.

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