बिहार के पूर्व पुलिस महानिदेशक (DGP) गुप्तेश्वर पांडेय के स्वैच्छि सेवानिवृत्ति के बाद बिहार से लेकर महाराष्ट्र तक सियासत तेज है. संजय राउत ने अपने बयान में हाल ही में कहा था कि गुप्तेश्वर पांडेय चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं. वहीं, बुधवार को पांडेय ने ये घोषणा की उन्हें अगर चुनाव लड़ने का मौका मिलता है तो चुनाव लड़ेंगे.

पांडेय ने फरवरी 2021 में अपनी सेवानिवृत्ति से पांच महीने पहले मंगलवार को पुलिस सेवा से वीआरएस ले लिया था. मंगलवार की देर शाम राज्य के गृह विभाग द्वारा जारी एक अधिसूचना के अनुसार वीआरएस के लिए उनके अनुरोध को राज्यपाल फागू चौहान ने मंजूरी दे दी थी.

वहीं, शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा है कि, बिहार के पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर को स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के बाद ”इनाम” देने की तैयारी चल रही है.

बता दें, रिया चक्रवर्ती और सुशांत सिंह राजपूत के मामले में गुप्तेश्वर पांडेय ने खुलकर महाराष्ट्र सरकार और मुंबई पुलिस के खिलाफ बोला था. साथ ही बिहार सरकार का पूर जोर तरीके से समर्थन किया था.

वहीं, गुप्तेश्वर पांडेय ने अब कहा है कि, ‘‘राजनीति में मेरे आने से इतनी परेशानी क्यों हो रही है और इसे सुशांत सिंह राजपूत के मामले से लोग क्यों जोड़ रहे हैं. मैंने उस मामले में जो भी किया कानूनी हैसियत और राज्य के पुलिस महानिदेशक की हैसियत से किया, जो इस पद आसीन रहने वाले को बिहार के स्वाभिमान के लिए करना चाहिए. हमारी लड़ाई किसी मराठी या महाराष्ट्र के किसी व्यक्ति से नहीं है क्योंकि हमें बहुत से मराठी भाइयों ने फोन करके कहा कि आपको सुशांत को न्याय दिलाने के लिए लड़ना चाहिए. इस मामले में लड़ाई मुठ्ठी भर उन लोगों से है जिनके निहित स्वार्थ हैं और ऐसे ही लोग मुझे बदनाम करने की कोशिश करते हैं तथा सुशांत मामले से मेरे वीआरएस को जोड़ने की कोशिश करते हैं.’’

गुप्तेश्वर ने 34 वर्षों की अपनी पुलिस सेवा को बेदाग बताते हुए कहा कि कुछ लोगों और मीडिया ने ऐसा माहौल बनाना शुरू कर दिया, जहां मुझे लगा कि मेरा करियर अब बेदाग नहीं रहेगा.

उन्होंने कहा, ‘‘हर कोई पूछ रहा था कि क्या मैं चुनाव लड़ूंगा. हालांकि मैं अभी तक किसी भी राजनीतिक पार्टी में शामिल नहीं हुआ हूं … मैं सिर्फ यह पूछना चाहता हूं कि क्या चुनाव लड़ना एक पाप है? क्या मैं वीआरएस लेने के बाद चुनाव लड़ने वाला पहला व्यक्ति होऊंगा? क्या ऐसा करना (चुनाव लड़ना) असंवैधानिक, गैरकानूनी या अनैतिक है? ’’

उन्होंने कहा, ‘यदि हत्या, अपहरण या 50 से अधिक मामलों का सामना करने वाला व्यक्ति चुनाव लड़ सकता है, तो मैं ऐसा क्यों नहीं कर सकता. अगर मैं चुनाव लड़ने का फैसला करता हूं, तो क्या मैं कोई अपराध करूंगा … क्या गरीब किसान का बेटा 34 साल की पुलिस सेवा के बेदाग रिकॉर्ड के साथ चुनाव नहीं लड़ सकता है.’