TRS is Bharat Rashtra Samithi; तेलंगाना राष्ट्र समिति (Telangana Rashtra Samithi) के अध्यक्ष और तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव (K Chandrashekar Rao) ने तेलंगाना भवन में पार्टी की आम सभा की बैठक को संबोधित किया और बैठक में पार्टी का नाम बदलकर ‘भारत राष्ट्र समिति’ (BRS) कर दिया गया है.

यह भी पढ़ें: पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया या पीएफआई क्या है?

तेलंगाना राष्ट्र समिति (TRS) अब ‘भारत राष्ट्र समिति’ (BRS) हो गई है. चंद्रशेखर राव ने अपनी पार्टी की बैठक के बाद ये घोषणा की. हैदराबाद शहर में पार्टी कार्यकर्ताओं ने पटाखे फोड़कर और पार्टी का गुलाबी रंग उड़ाकर जश्न मनाया. अब लक्ष्य केंद्र में शासित बीजेपी से मुकाबला करना है और समान विचारधारा वाले दलों को एक साथ लाने के लिए एक राष्ट्रीय ताकत के रूप में उभरना है.

नाम बदलने को लेकर चुनाव आयोग को सूचित कर दिया गया है. एक पार्टी जिसने लोकसभा चुनाव या चार राज्यों में विधानसभा चुनावों में कुल वोटों का कम से कम छह प्रतिशत हासिल किया हो और लोकसभा में कम से कम चार सीटें जीती हों उसे राष्ट्रीय पार्टी के रूप में मान्यता मिलती है. 

यह भी पढ़ें: क्या भारतीय फैक्ट-चेकर प्रतीक सिन्हा और मोहम्मद ज़ुबैर को Nobel Peace Prize मिलने वाला है?

अभी TRS की केवल तेलंगाना में मजबूत उपस्थिति है, जहां उसकी सरकार है. चंद्रशेखर राव ने अपने इरादे साफ़ कर दिए हैं कि वो 2024 में बीजेपी का मुकाबला करना चाहते हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चुनौती देने का इरादा रखते हैं. पिछले एक साल से वो पीएम मोदी के कार्यक्रमों में नहीं पहुंचे हैं और पीएम का एयरपोर्ट पर स्वागत भी नहीं किया है. साथ ही उन्होंने बीजेपी के खिलाफ बयानबाजी भी तेज कर दी है. 

यह भी पढ़ें: कौन हैं संतोष यादव? RSS के दशहरा कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में पहली महिला

पार्टी के नाम में बदलाव से पहले चंद्रशेखर राव ने अन्य राज्यों में अपने समकक्षों सहित कई राजनीतिक नेताओं से मुलाकात की. जिसमें ममता बनर्जी (बंगाल), नीतीश कुमार (बिहार), अरविंद केजरीवाल (दिल्ली), एमके स्टालिन ( तमिलनाडु), पिनाराई विजयन (केरल) और नवीन पटनायक (ओडिशा) शामिल हैं. 

पार्टी के नाम बदलने वाले कार्यक्रम में कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी और द्रमुक के सहयोगी थोल थिरुमावलवन भी शामिल हुए.