उत्तर प्रदेश में अगले साल की शुरुआत में ही विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. इसके चलते राजनीतिक पार्टियां वोटों के धुर्वीकरण के लिए अलग-अलग दांव खेलने में जुट गई हैं. इन्हीं प्रयासों के चलते आज कल भारत-पाकिस्तान विभाजन में सबसे प्रमुख भूमिका निभाने वाले मोहम्मद अली जिन्ना का नाम भी यूपी की सियासत में गरमाया हुआ है. समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव और उनके सहयोगी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने जिन्ना को लेकर बयान दिया है. इसी पर यूपी की सियासत में अपनी जमीन तलाशने में जुटे एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी का भी बयान आया है. 

ओमप्रकाश राजभर ने बुधवार को कहा कि अगर मोहम्मद अली जिन्ना को पहला प्रधानमंत्री बनाया गया होता तो देश का विभाजन नहीं होता. इसके एक दिन बाद गुरुवार को ओवैसी ने बहस को आगे बढ़ाते हुए कहा है कि बंटवारे के लिए कांग्रेस और उस वक्त के नेता जिम्मेदार हैं. 

ओवैसी ने एक रैली को संबोधित करते हुए कहा, “मैं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS), भारतीय जनता पार्टी (BJP) और समाजवादी पार्टी (सपा) के लोगों को चुनौती देता हूं, जो इतिहास नहीं पढ़ते हैं. विभाजन मुसलमानों के कारण नहीं बल्कि जिन्ना के कारण हुआ था. उस समय, केवल वही मुसलमान वोट दे सकते थे जो नवाब या डिग्री धारकों की तरह प्रभावशाली थे. कांग्रेस और उस समय के नेता विभाजन के लिए जिम्मेदार थे.” 

क्या बोले थे अखिलेश और ओमप्रकाश

अखिलेश यादव ने हाल ही में सरदार वल्लभभाई पटेल, महात्मा गांधी और जवाहरलाल नेहरू के रूप में एक ही सांस में जिन्ना की बात स्वतंत्रता सेनानियों के रूप में की थी, जिसकी यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित बीजेपी नेताओं ने आलोचना की थी. 

इसके बाद ओमप्रकाश राजभर ने वाराणसी में संवाददाताओं से कहा, “अगर जिन्ना को पहला प्रधानमंत्री बनाया जाता तो देश का बंटवारा नहीं होता.” जिन्ना पर यादव की टिप्पणी की बीजेपी नेताओं की आलोचना पर राजभर ने सुझाव दिया कि पूर्व प्रधानमंत्री, पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी के भी जिन्ना के बारे में समान विचार थे. राजभर ने PTI से कहा, “राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) भारत के विभाजन के लिए जिम्मेदार है, न कि जिन्ना. विवाद की स्थिति संघ ने ही बनाई थी.”

यह भी पढ़ें: रेल यात्रियों के लिए खुशखबरी! रिजर्वेशन की झंझट खत्म, जनरल टिकट पर कर सकेंगे एक्सप्रेस ट्रेन में सफर

अखिलेश यादव ने 31 अक्टूबर को सरदार वल्लभभाई पटेल की 146वीं जयंती पर उनकी प्रशंसा करते हुए महात्मा गांधी और जवाहरलाल नेहरू के साथ विभाजन की वकालत करने वाले मोहम्मद ली जिन्ना की तुलना करते हुए टिप्पणी की थी, जिससे उनकी काफी आलोचना भी हुई थी. उन्होंने कहा, “आडवाणी जी के विचार पढ़ें, अटल जी के विचार पढ़ें, जिन्ना के प्रधानमंत्री बनने की संभावना पर देश के अन्य शुभचिंतकों के विचार पढ़ें. उन्होंने उसकी प्रशंसा क्यों की?”

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए समाजवादी पार्टी ने सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के साथ गठबंधन किया है. 

यह भी पढ़ें: रेलवे ने मेरिट बेस्ड पर निकाली 1664 पदों पर भर्ती, 1 दिसंबर आवेदन की आखिरी तारीख