झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के लिए बुरी खबर है. चुनाव आयोग ने हेमंत सोरेन पर लाभ के पद पर होने के आरोपों पर अपनी सिफारिश राज्यपाल को भेजी है. बताया जा रहा है कि, चुनाव आयोग ने हेमंत सोरेन की सदस्यता रद्द करने की सिफारिश की है. इसके बाद से झारखंड की सियासत में हलचल तेज हो गई है. इस बीच जेएमएम पार्टी ने अपने सभी विधायकों को रांची पहुंचने के लिए कहा है. वहीं, राज्यपाल रमेश बैस भी दिल्ली से रांची पहुंच रहे हैं.

यह भी पढ़ेंः Raju Srivastav Health Update: 15 दिन बाद राजू श्रीवास्तव को आया होश

बीजेपी ने हेमंत सोरेन की सदस्यता रद्द करने की शिकायत की थी जिसे राज्यपाल ने चुनाव आयोग को भेजा था. इस पर अब चुनाव आयोग ने राज्यपाल रमेश बैस को याचिका पर राय भेजी है, जिसमें मुख्यमंत्री हमेंत सोरेन को खुद को एक खनन पट्टा जारी करके चुनावी कानून का उल्लंघन करने के लिए एक विधायक के तौर पर अयोग्य घोषित करने की मांग की गई है. चुनाव आयोग ने बंद लिफाफे में अपनी राय भेजी है.

संविधान के अनुच्छेद 192 के तहत, किसी सदस्य को अयोग्य ठहराने के मामले में अंतिम फैसला राज्यपाल को करना होता है. हालांकि, इस तरह के मामले पर निर्णय से पहले राज्यपाल चुनाव आयोग से राय लेती है.

यह भी पढ़ेंः सोनिया गांधी ने इस बड़े नेता को ऑफर किया कांग्रेस अध्यक्ष पद, जल्द होनवाला है चुनाव

हमेंत सोरेन की ओर से झारखंड सीएमओ ने बयान जारी कर कहा है कि, मुख्यमंत्री को कई मीडिया रिपोर्ट्स से पता चला है कि चुनाव आयोग ने झारखंड के राज्यपाल को एक रिपोर्ट भेजी है, जिसमें उनके विधायक के तौर पर सदस्यता को रद्द करने की सिफारिश की गई है. CMO को इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई है. हेमंत सोरेन ने कहा कि ऐसा लगता है कि भाजपा के एक सांसद और उनके कठपुतली पत्रकारों समेत भाजपा नेताओं ने EC की रिपोर्ट का मसौदा तैयार किया है. भाजपा मुख्यालय द्वारा संवैधानिक प्राधिकरणों और सार्वजनिक एजेंसियों का दुरुपयोग और शर्मनाक तरीके से अधिग्रहण किया गया. ऐसा भारतीय लोकतंत्र में कभी नहीं देखा गया. 

आपको बता दें, हेमंत सोरेन पर झारखंड का सीएम रहते खनन पट्टा खुद को और अपने भाई को जारी करने का आरोप है. उस वक्त हेमंत सोरेन पर खनन मंत्रालय भी थे.