भारत (India) में आज गांधी जी (Mahatma Gandhi) की पुण्यतिथि (Death Anniversary) मनाई जा रही है. ऐसे समय में जब हमेशा ही उनके किरदार को आज के राजनैतिक मूल्यों में तौला जा रहा है. हमारे देश की आजादी (Independence of India) में महात्मा गांधी के योगदान को शायद ही कभी भुलाया जा सकता है. महात्मा गांधी अहिंसा के पैरोकार ही नहीं थे, बल्कि कई मौकों पर उन्होंने हिंसा और शांति के बीच अंतर भी बताया है.

1. 1915 को जब महात्मा गांधी दक्षिण अफ्रीका से भारत लौटे थे. तब से आजादी तक उन्होंने देश के जनमानस को एक नया आकार दिया और अंग्रेजों के खिलाफ आजादी के लिए एक लंबा संघर्ष कर देशवासियों का मार्गदर्शन किया. और अंतिम सांस तक देशवासियों को एक करने के प्रयास करते हुए शहीद हो गए. 30 जनवरी 1948 को उनकी गोली मार कर हत्या कर दी गई थी.

यह भी पढ़ें: अगर आज महात्मा गांधी होते तो देश-दुनिया के हालात देखकर क्या सोचते, क्या करते?

2. निष्ठा को गांधी जी (Mahatma Gandhi) बहुत महत्व दिया करते थे वे कहा करते थे जो कहो पहले उस पर खुद अमल (Self-Application) करो. इस बारे में एक किस्सा भी मशहूर है.

3. गांधी जी (Mahatma Gandhi) के कई सिद्धांत तो सूत्र वाक्य की तरह प्रसिद्ध थे. इनमें से एक था पापी से नहीं पाप से घृणा करो. गांधी जी ने यह सिद्धांत अपने जीवन में भी उतारा, वे अंग्रेजी शासन के खिलाफ थे, लेकिन फिर भी बहुत से अंग्रेज उनके मित्र थे. यहां तक कि जिस जेल में वे जाते थे वे उनसे अच्छा मित्रवत बर्ताव ही करते थे.

यह भी पढ़ें: ‘गोड़से जिंदाबाद’ कहने वाले देश का अपमान कर रहे हैं, भड़के वरुण गांधी ने ट्विटर ट्रेंड पर जताई नाराजगी

4. महात्मा गांधी ने अपने जीवन में दोनों विश्व युद्ध देखे थे. शांति के महत्व, घृणा के दुष्प्रभाव और खतरे के बारे में उन्होंने कहा था कि आंख के बदले आंख पूरी दुनिया को अंधा कर देगी. दोनों ही विश्व युद्ध में उनकी यह बात सच हुई थी.

5. गांधी जी कहते थे कि जब तक आप झाड़ू और बाल्टी अपने हाथो मे नही लेते है, तब तक आप अपने कस्बों और शहरों को साफ नही कर सकते. उनका कहना था कि स्वच्छता अपने आचरण में इस तरह से उतार लेना चाहिए की वह हमारी आदत बन जाए.

यह भी पढ़ें: गांधी जी के साबरमती आश्रम पहुंचे बॉलीवुड स्टार सलमान खान, चरखा चलाते आए नजर