लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (रिटायर्ड) ने उत्तराखंड के नए राज्यपाल के रूप में शपथ ली. राजभवन में उत्तराखंड उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति आरएस चौहान ने सिंह को पद की शपथ दिलाई. उत्तराखंड की राज्‍यपाल बेबी रानी मौर्या ने हाल ही में अपने पद से इस्‍तीफा दे दिया था. 

लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (रिटायर्ड) भारतीय सेना के उप प्रमुख के रूप में सेवानिवृत्त हुए. वह एक उच्च पदस्थ पूर्व सेना अधिकारी हैं. इस समारोह में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, उनके कैबिनेट सहयोगी और मुख्य सचिव एसएस संधू और डीजीपी अशोक कुमार सहित कई वरिष्ठ सरकारी अधिकारी शामिल हुए. लेफ्टिनेंट जनरल सिंह ने बेबी रानी मौर्य का स्थान लिया है, जिन्होंने अपना कार्यकाल पूरा करने से तीन साल पहले इस्तीफा दे दिया था.

कौन हैं लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (रिटायर्ड)

लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (रिटायर्ड) सेना के रिटायर्ड डेकोरेटेड अधिकारी हैं,  लगभग चार दशकों की सेवा के बाद फरवरी 2016 में वह सेना से रिटायर हुए. अपनी सेवा के दौरान गुरमीत सिंह सेना के उप प्रमुख ( deputy chief of Army Staff), सहायक जनरल और कश्मीर में नियंत्रण रेखा पर नजर रखने वाली रणनीतिक XV कोर के कोर कमांडर की प्रतिष्ठित नियुक्तियों पर रहे. गुरमीत सिंह कई न्यूज चैनलों पर डिबेट करते या बतौर रक्षा विशेषज्ञ के तौर पर नजर आते हैं. 

गुरमीत सिंह, एडीशनल डायरेक्‍टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशंस (ADGMO) के रूप में चीन के परिचालन और सैन्य रणनीतिक मुद्दों को भी संभाल रहे थे. सेना में अपने कार्यकाल के दौरान, वह एक दशक से अधिक समय तक कई विशेषज्ञ समूहों, संयुक्त कार्य समूहों, वार्षिक संवादों और चीन अध्ययन समूह की बैठकों का हिस्सा थे. लेफ्टिनेंट जनरल सिंह ने एडीशनल डायरेक्‍टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशंस (ADGMO) रहते हुए 7 बार चीन का दौरा किया है.

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लेफ्टिनेंट जनरल सिंह ने डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कोर्स और नेशनल डिफेंस कॉलेज से ग्रेजुएशन किया है. लेफ्टिनेंट जनरल सिंह ने भारतीय सेना से अपने अध्ययन अवकाश के दौरान, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के चीनी अध्ययन संस्थान में भारत-चीन सीमा मुद्दे पर एक रिसर्च स्कॉलर होने के अलावा चेन्नई और इंदौर विश्वविद्यालयों से दो एम.फिल किए हैं. गुरमीत सिंह के पास सेना में 36 साल तक सेवा देने का अनुभव है.

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