सुपर साइक्लोन ‘अम्फान’ ने जहां मई के महीने में पश्चिम बंगाल और ओडिशा के तटीय इलाकों में नुकसान पहुंचाया था, वहीं अगले ही महीने देश के पश्चिम तट पर ‘निसर्ग’ नाम के तूफान ने महाराष्ट्र और गुजरात के तटीय इलाकों में क्षति पहुंचाई. भारतीय मौसम विभाग के अनुसार 160 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार वाला अम्फान तूफान बंगाल की खाड़ी में रिकॉर्ड किया गया आज तक का सबसे ताकतवर तूफान था. अम्फान ने पश्चिम बंगाल में अंदाजन तीन हजार करोड़ का नुकसान पहुंचाया. अम्फान के मुकाबले निसर्ग ने उतना नुकसान नहीं पहुंचाया और वह सिर्फ तेज हवाओं और बारिश के साथ गुजर गया.

अम्फान को ये नाम कैसे मिला,अम्फान का सही उच्चारण ‘उमपुन’ है, जोकि थाई शब्द है और जिसका मतलब आसमान होता है. ये नाम थाईलैंड ने ही 2004 में सुझाया था. निसर्ग का नाम बांग्लादेश ने सुझाया है और इसका मतलब प्रकृति होता है.

अरब सागर और बंगाल की खाड़ी में आने वाले समुद्री तूफानों के नाम रखने का सिलसिला 2004 में शुरू हुआ. इसके लिए एक सूची बनाई गई. इसमें आठ देश शामिल हैं- भारत, बांग्लादेश, थाईलैंड, मालदीव, पाकिस्तान, श्रीलंका, ओमान और म्यांमार. आठ देशों को आठ-आठ नाम देने हैं. जब जिस देश का नंबर आता है तो उस देश की सूची में दिए गए नाम के आधार पर उस तूफान का नामकरण कर दिया जाता है.

आठ देशों ने मिलकर कुल 64 नाम तय किए थे. अम्फान नाम थाईलैंड ने दिया. यह 2004 में दिए गए 64 तूफानों के नामों की सूची में आखिरी नाम है.

हालांकि अब एशिया – प्रशांत क्षेत्र और पश्चिम एशियाई देशों में आने वाले तूफानों का नामकरण करने वाली सूची में पांच देश और शामिल हो गए हैं. ये देश- ईरान, क़तर, सऊदी अरब, यूएई और यमन हैं. ऐसा होने पर अब सदस्य देशों की संख्या 13 हो गई है, जिससे कुल नाम 169 हो गये हैं. जब लिस्ट के सभी नाम खत्म हो जाएंगे तब दोबारा सभी देश 13-13 नाम देंगे.

सूची में अगले पांच नाम ये हैं-

निसर्ग (Nisarga) – बांग्लादेश

गती (Gati) – भारत

निवार (Nivar)- ईरान

बुरेवी (Burevi)- मालदीव

तौकताए (Tauktae)- म्यांमार

यास (Yaas) – ओमान