सरकार ने संकट में फंसे लक्ष्मी विलास बैंक (LVB) बैंक के DBS बैंक इंडिया लि. (DBIL) में विलय को मंजूरी दे दी है. इसके साथ ही सरकार ने कहा है कि बैंक से जमा राशियों की निकासी पर आगे और पाबंदी नहीं रहेगी.

केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बुधवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा कि मंत्रिमंडल ने एलवीबी के डीबीएस बैंक इंडिया लि. में विलय के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. उन्होंने कहा कि इस फैसले से जहां बैंक के 20 लाख जमाकर्ताओं को राहत मिलेगी, वहीं 4,000 कर्मचारियों की सेवाएं भी सुरक्षित रहेंगी.

एक आधिकारिक प्रवक्ता ने ट्वीट किया, ‘‘मंत्रिमंडल ने लक्ष्मी विलास बैंक के डीबीएस बैंक इंडिया में विलय की योजना को मंजूरी दे दी है. इसके साथ अब जमाकर्ताओं पर बैंक से निकासी को लेकर आगे और अंकुश नहीं लगाया जाएगा.’’

मंत्री ने कहा कि LVB की वित्तीय सेहत को खराब करने वाले लोगों को दंडित किया जाएगा.

इससे पहले सरकार ने 17 नवंबर को रिजर्व बैंक को संकट में फंसे लक्ष्मी विलास बैंक पर 30 दिन की ‘रोक’ की सलाह दी थी. साथ ही प्रत्येक जमाकर्ता 25,000 रुपये की निकासी की सीमा तय की गई थी. इसके साथ ही रिजर्व बैंक ने कंपनी कानून, 2013 के तहत एलवीबी के डीबीआईएल में विलय की योजना का मसौदा भी सार्वजनिक किया था.

केंद्रीय बैंक ने एलवीबी के बोर्ड को भंग कर दिया था और केनरा बैंक के पूर्व गैर-कार्यकारी चेयरमैन टी एन मनोहरन को 30 दिन के लिए बैंक का प्रशासक नियुक्त किया था.