भारतीय वायु सेना दिवस हर वर्ष 8 अक्टूबर को मनाया जाता है. यह दिन सभी देशवासियों के लिए बहुत महत्वपूर्ण और गौरव करने वाला दिन है. इस वर्ष भारतीय वायु सेना अपना 89वां स्थापना दिवस मना रही है. भारतीय वायु सेना दुनिया की चौथे नंबर की सबसे शक्तिशाली वायु सेना है. भारतीय वायु सेना हमेशा अपने पराक्रम से भारत देश को और यहां के लोगों को गौरवान्वित करती है.

भारतीय वायु सेना का इतिहास

दिनांक 8 अक्टूबर 1932 को भारतीय वायु सेना की स्थापना हुई थी. इसी कारणवश हर हर साल 8 अक्टूबर को वायुसेना दिवस मनाया जाता है. हमारे देश के स्वतंत्र होने से पहले भारतीय वायु सेना को रॉयल इंडियन एयर फोर्स कहा जाता था. देश को आजादी मिलने के बाद वायु सेना के नाम से ‘रॉयल’ शब्द को हटा दिया गया और सिर्फ ‘इंडियन एयर फोर्स’ ही रखा गया.

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भारतीय वायुसेना का आदर्श वाक्य – ‘नभ: स्पृशं दीप्तम’

‘नभ: स्पृशं दीप्तम’ भारतीय वायु सेना का आदर्श वाक्य है. इस वाक्य को गीता के ग्यारहवें अध्याय से लिया गया है. महाभारत के युद्ध के दौरान भगवान श्री कृष्ण ने अर्जुन को उपदेश दिए थे. यह वाक्य उसी उपदेश का एक अंश है.

‘मेक इन इंडिया’ से हुआ ताकत में इजाफा

भारत सरकार की मेक इन इंडिया योजना के माध्यम से वायु सेना में लड़ाकू जहाजों की कमियों को पूरा करने पर जोर दिया जा रहा है. इस योजना के तहत अन्य हथियारों व रक्षा उपकरणों का निर्माण भी तेजी से किया जा रहा है. वायु सेना की मजबूती के लिए हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) और रक्षा अनुसंधान विकास संगठन एवं निजी क्षेत्र संयुक्त रूप से रक्षा उत्पादन एवं निर्माण कार्यों में जुटे हुए हैं. मेक इन इंडिया योजना के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हमारे देश को रक्षा उत्पादन एवं निर्माण में आत्मनिर्भर बनाना चाहते हैं. आज के समय में हमारा देश अपने लिए हथियारो का तो निर्माण कर ही रहा है, उसके साथ-साथ दूसरे देशों को भी हेलीकॉप्टर व हथियारों का निर्यात किया जा रहा है.

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भारतीय वायु सेना के इन तथ्यों को जरूर पढ़ें

उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में स्थित हिंडन एयरपोर्ट को एशिया के सबसे बड़े एयरबेस का दर्जा प्राप्त है. विश्व में इसका स्थान आठवां है.

इंडियन एयर फोर्स अपने पराक्रम का प्रदर्शन सिर्फ युद्धों में ही नहीं करती बल्कि देश की संकट की घड़ी में, आपदाओं में राहत एवं बचाव कार्यों में भी सबसे आगे रहती हैं.

इंडियन एयरफोर्स ने साल 1998 में आया गुजरात चक्रवात, 2004 में आई सुनामी और उत्तर भारत की बाढ़ के समय में अपने अभियानों से लाखों जिंदगियों को बचाने का काम किया.

साल 2013 में उत्तराखंड में बादल फटने से जो तभाई आई, जो बाढ़ आई उसमें हजारों की संख्या में लोग फंस गए. उस समय इंडियन एयरफोर्स ने ज्यादा से ज्यादा संख्या में लोगों को सुरक्षित निकाल कर रिकॉर्ड कायम किया.

 इंडियन एयरफोर्स ने अधिक मात्रा में महिला पायलटों को शामिल किया है. आज के समय में महिला पायलट लड़ाकू विमानों को उड़ा रही हैं.

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