सीपीआई नेता कन्हैया कुमार और गुजरात के निर्दलीय विधायक जिग्नेश मेवाणी ने कांग्रेस का हाथ थाम लिया है. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की मौजूदगी में कन्हैया और जिग्नेश ने दिल्ली दफ्तर में कांग्रेस पार्टी की सदस्यता ग्रहण की. इससे पहले राहुल गांधी दोनों नेताओं के साथ दिल्ली के आईटीओ स्थित शहीद पार्क पहुंचे और भगत सिंह की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया. वहीं, कन्हैया कुमार के पार्टी में शामिल होने पर कांग्रेस के अंदर ही कुछ नेता सवाल खड़े कर रहे हैं.

कांग्रेस पार्टी में कन्हैया कुमार और जिग्नेश मेवाणी का स्वागत करते हुए पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि, 7 सालों से देश में मोदी सरकार जो हिटलरशाही की नीति पर चल रही है, उसके खिलाफ दोनों नेताओं ने आवाज उठाई है. हमारे इन साथियों को लगा कि ये आवाज़ और बुलंद हो पाएगी जब ये कांग्रेस और राहुल गांधी की आवाज़ में मिलकर एक और एक ग्यारह की आवाज़ बन जाएगी.

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कांग्रेस में शामिल होने के बाद कन्हैया कुमार ने कहा, मैं कांग्रेस में इसलिए शामिल हो रहा हूं क्योंकि मुझे ये महसूस होता है कि देश में कुछ लोग सिर्फ लोग नहीं हैं, वो एक सोच हैं. वो देश की सत्ता पर न सिर्फ काबिज़ हुए हैं, देश की चिंतन परंपरा, संस्कृति, मूल्य, इतिहास, वर्तमान, भविष्य खराब करने की कोशिश कर रहे हैं.

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कन्हैया कुमार और जिग्नेश मेवाणी को पार्टी के अंदर क्या जिम्मेदार दी जाएगी इसकी तस्वीर साफ नहीं हुई है. हालांकि, ऐसा कहा जा रहा है कि दोनों नेता देश भर में युवाओं को कांग्रेस से जोड़ने का काम करेंगे. वहीं, मोदी सरकार के खिलाफ आंदोलन कर मुहिम चलाएंगे. जिग्नेश मेवाणी को गुजरात में बड़ा पद भी दिया जा सकता है. गुजरात में चुनाव भी होनेवाले हैं. ऐसे में जिग्नेश का कांग्रेस में शामिल होना काफी अहम है. मेवाणी 2017 के राज्य विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के समर्थन से बनासकांठा जिले के वडगाम सीट से निर्वाचित हुए थे.

वहीं, कन्हैया कुमार के पार्टी में शामिल होने से पहले ही कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने ट्वीट कर कहा, कुछ कम्युनिस्ट नेताओं के कांग्रेस में शामिल होने की अटकलें हैं. अब शायद 1973 की पुस्तक ‘कम्युनिस्ट्स इन कांग्रेस’ के पन्ने फिर से पलटे जाएं. लगता है कि चीजें जितनी ज्यादा बदलती हैं, वो उतना ही पहले की तरह बनी रहती हैं. आज इसे फिर से पढ़ता हूं.

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