मध्यप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने सोमवार को कहा कि वह उस दिन सक्रिय राजनीति से संन्यास ले लेंगे, जिस दिन छिंदवाड़ा की जनता उनसे ऐसा करने के लिए कहेगी. छिंदवाड़ा से नौ बार सांसद रहे कमल नाथ ने अमरवाड़ा में सोमवार को पत्रकारों से चर्चा में कहा, ‘‘जिस दिन छिंदवाड़ा की जनता मुझसे कहेगी, मैं उस दिन राजनीति से संन्यास ले लूंगा.’’

इससे एक दिन पहले रविवार को उन्होंने अपने गढ़ छिंदवाड़ा के दौरे के दौरान सौसर में कांग्रेस कार्यकर्ताओं की बैठक में कहा था, ‘‘मेरा आपसे राजनीति का नहीं, आत्मीयता का रिश्ता है. मुझे आपके बीच करीब 40 वर्ष हो गये हैं. अगला समय प्रदेश में नगरीय निकाय व पंचायत चुनाव का है. मुझे पूरा प्रदेश देखना है. मैं छिंदवाड़ा को ज़्यादा समय नहीं दे पाऊँगा. यहाँ का चुनाव आपको लड़ना है, आपको आराम नहीं करना है.’’ कांग्रेस के 74 वर्षीय नेता कमलनाथ ने आगे कहा था, ‘‘छिंदवाड़ा की जनता जब कहेगी तो मैं भी उस समय आराम करने चला जाऊँगा, संन्यास ले लूँगा.’’

कमल नाथ के इन बयानों से प्रदेश में सियासत गरमा गई है और कुछ लोग अनुमान लगा रहे हैं कि उन्होंने सक्रिय राजनीति से सन्यास लेने के संकेत दिए हैं, जबकि कुछ लोगों को मानना है कि उनके इन बयानों से कहीं न कहीं लगता है कि वे लम्बी राजनीतिक पारी खेलने के मूड में हैं. उनका यह बयान ऐसे वक्त आया है जब श्योपुर सीट के कांग्रेस विधायक बाबूलाल जंडेल ने हाल ही में प्रदेश की 28 सीटों पर हुए उपचुनाव में मिली हार के लिए रविवार को कमल नाथ को जिम्मेदार ठहराया था. कमल नाथ के नेतृत्व में हुए उपचुनाव में कांग्रेस को मात्र नौ सीटें मिली थी, जबकि सत्तारूढ़ भाजपा ने 19 सीटें जीती थी.

कमल नाथ ने इसके पहले भी कई बार कहा है कि वह अपने राजनीतिक जीवन में कई उच्च पदों पर रह चुके हैं, केंद्रीय मंत्री के रूप में भी उन्होंने कई विभागों का दायित्व निभाया है, देश की जनता की वर्षों तक सेवा की है, उन्हें कभी पद व कुर्सी का मोह नहीं रहा, वह तो मध्यप्रदेश की जनता की सेवा करने के लिये ही आये हैं.

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